ग्यारह से १८ साल की उम्र की ल़ड़कियों के स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सबला योजना १४ नवंबर से शुरू हो सकती है। महिला और बाल विकास ने इसे शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली है, बस प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंजूरी का इंतजार है।
इस महत्वाकांक्षी योजना को पहले चरण में देशभर के २०० जिलों में समन्वित बाल विकास कार्यक्रम परियोजनाओं और आंगनवा़ड़ी केंद्रों में लागू किया जाएगा। इस योजना का फायदा एक करो़ड़ से ज्यादा ल़ड़कियों को मिलने की उम्मीद है।
ल़ड़कियों के सशक्तिकरण के लिए राजीव गांधी योजना-सबला को हाल में ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी है और मंत्रालय जल्दी से जल्दी इस योजना को शुरू करना चाहता है। इसके लिए मंत्रालय ने १४ नवंबर यानी बाल दिवस का चुना है। बस मंत्रालय को इस पर प्रधानमंत्री की औपचारिक मंजूरी का इंतजार है।
इस योजना के तहत ल़ड़कियों को घर ले जाने के लिए राशन दिया जाएगा। अगर कोई राज्य राशन के बजाय पका हुआ भोजन देना चाहे तो इसके लिए मापदंड तय किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें रोजगार परक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे आगे चलकर अपने पैरों पर ख़ड़ी हो सकें(प्रतिभा ज्योति,नई दुनिया,दिल्ली,10.9.2010)।
महिला व बाल विकाश की साडी योजनायें कागजों में लूट ली जाती है भ्रष्ट NGO को जरिया बनाकर और समस्या निदान होने के वजाय बढ़ता ही जाता है | दरअसल इन मंत्रालयों के मंत्रियों को जब तक ऐसे मामलों में सख्त सजा नहीं दी जाएगी तबतक इस देश में किसी भी समस्या का समाधान नहीं होगा ...ये योजना भी लूटने का ही जरिया बनेगा ...
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