आजकल आईटी की दुनिया में एक नई हलचल मची है और यह है क्लाउड कंप्यूटिंग। तो फिर क्यों न आज हम भी आप से शेयर कर लें कंप्यूटिंग वर्ल्ड की इसी नई हलचल के बारे में थोड़ी-बहुत जानकारी। कंप्यूटर क्षेत्र में नित नयी-नयी तकनीक हमारे बीच आती रहती हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य होता है कंप्यूटिंग प्रोसेसिंग और परफॉर्मेस को बढ़ाना। आज के इस टैक वर्ल्ड में यूजर की कंप्यूटिंग पावर की भूख कम होती नजर नहीं आ रही। ज्यों-ज्यों तकनीकी रूप से हम एडवांस होते जा रहे हैं, हमारी कंप्यूटिंग पावर और परफॉर्मेस की भूख बढ़ती जा रही है। कंप्यूटिंग प्रोसेसिंग को और अधिक कारगर बनाने की दिशा में क्लाउड कंप्यूटिंग एक अच्छी पहल है। क्लाउड कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक और सुविधा है, जिसके द्वारा कंप्यूटर की प्रोसेसिंग पावर को काफी बढ़ाया जा सकता है, वह भी इंफ्रास्ट्रक्चर में अतिरिक्त इन्वेस्ट किए बिना। इसे इस तरह समझिए। आपके कंप्यूटर की क्षमता तो सीमित होती है। मान लीजिए कंप्यूटिंग से संबंधित किसी काम को करने के लिए अतिरिक्त प्रोसेसिंग पावर या स्टोरेज की जरूरत है, लेकिन आपका कंप्यूटर इसके अनुरूप नहीं है। इसका मतलब है कि आपको अपने कंप्यूटर की क्षमता को बढ़ाना होगा यानी इंफ्रास्ट्रक्चर पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ। यहीं पर क्लाउड कंप्यूटिंग तकनीक का फायदा उठाया जा सकता है। क्लाउड कंप्यूटिंग कस्टमर्स अपनी जरूरत के अनुसार किसी थर्ड पार्टी के कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकता है। सर्विस प्रोवाइडर्स के रिसोर्सेज को आप घर बैठे सर्विस के रूप में उपयोग कर सकते हैं और बदले में इसके लिए आप थर्ड पार्टी को इसका चार्ज देते हैं। यह कॉन्सेप्ट ठीक उसी प्रकार हुआ, जैसे हम अपनी जरूरत के हिसाब से इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग करते हैं और अपने उपभोग के अनुसार बिल चुकाते हैं। जी हां, अब कंप्यूटिंग पावर भी किराए पर मिलने लगी है, जहां अपने इंफ्रास्ट्रक्चर में बिना किसी परिवर्तन के आप अतिरिक्त प्रोसेसिंग और सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। है न कितने काम की तकनीक। यह सारा खेल इंटरनेट पर ही खेला जाता है। अपने कंप्यूटर में बिना किसी अतिरिक्त हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को डाले आप हाई कैपेसिटी इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग का कॉन्सेप्ट ही इंटरनेट पर आधारित है, जहां कंप्यूटर्स को जरूरत के अनुसार शेयर्ड रिसोर्स उपलब्ध कराया जाता है। आप अपने लोकल कंप्यूटर द्वारा ही इंटरनेट पर इन सारी सुविधाओं का लाभ उठाते रहते हैं। ऐसा लगता है कि वे सारे प्रोग्राम्स आपके अपने कंप्यूटर में ही इंस्टाल हों, जबकि वास्तव में डाटा और सॉफ्टवेयर सर्वर में स्टोर रहता है और उसे हम एक्सेस करते रहते हैं। इस प्रकार अपने कंप्यूटर की सीमित क्षमता होने के बावजूद आप सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा उपलब्ध करवाई गई उच्च तकनीकों जैसे प्रोसेसिंग पावर (सीपीयू/मैमरी), हाई स्टोरेज, डाटा ट्रांसफर, इनपुट-आउटपुट रिक्वेस्ट आदि का उपयोग अपनी जरूरत के अनुसार कर सकते हैं। छोटे और मंझोले स्तर की कंपनियों के लिए तो यह सुविधा काफी काम की है। इंफ्रास्ट्रक्चर में बिना अतिरिक्त इन्वेस्ट किए उच्च कंप्यूटिंग पावर का उपयोग किया जा सकता है। आर्किटेक्चर क्लाउड कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर के दो मुख्य कम्पोनेंट्स हैं- फ्रंट एंड और बैक एंड। फ्रंट एंड वह पार्ट होता है, जो यूजर द्वारा देखा जा सकता है, जैसे वेब ब्राउजर जिसकी सहायता से हम ‘क्लाउड’ को एक्सेस करते हैं। बैक एंड ‘क्लाउड’ होता है, जिसके अंतर्गत क्लाउड कंप्यूटिंग से जुड़े पार्ट्स जैसे सर्वर, डाटा स्टोरेज, डाटा सेंटर आदि आते हैं। हम फ्रंट एंड द्वारा बैक एंड की सुविधाओं को एक्सेस कर सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग के फायदे कॉस्ट सबसे बड़ा फायदा है कॉस्ट सेविंग। इंफ्रास्ट्रक्चर में होने वाली अतिरिक्त लागत से हम बच जाते हैं। अपडेट अपने लोकल कंप्यूटर्स पर बिना इंस्टॉल और डाउन लोड किए ही आप सर्वर पर सभी प्रोग्राम्स को एक्सेस कर सकते हैं। ऐसे में आपको सॉफ्टवेयर को अपडेट करने की टेंशन नहीं रहती। मेंटेनेंस भी काफी आसान हो जाती है। लोकेशन इंडिपेंडेस वेब ब्राउडर की सहायता से किसी भी सिस्टम और कहीं से भी आप तमाम फायदों और सुविधाओं को एक्सेस कर सकते हैं। बस इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध हो और आप कहीं से भी अपना काम कर सकते हैं। गूगल, आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट आदि प्रमुख क्लाउड कंप्यूटिंग सर्विस प्रोवाइडर्स हैं(संजीव कुमार,हिंदुस्तान,दिल्ली,1.9.2010)।
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03 सितंबर 2010
क्लाउड कंप्यूटिंगःबिना इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ाएं कंप्यूटर की पावर
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ये एक नई जानकारी मिली।
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है।
आभार।
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। टिप्पणी के बाद तो निश्चित रूप से।
जवाब देंहटाएंये लाइन बहुत अच्छा लगा।
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