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18 सितंबर 2010

आरक्षण के मुद्दे पर आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में तनाव का माहौल

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट परिसर में पिछले चार दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे तीन वकीलों को पुलिस द्वारा गुरुवार रात हटाए जाने के बाद भी परिसर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है जबकि वकीलों के रवैये के विरोध में इस्तीफा देने वाले जज ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। अदालत परिसर में तेलंगाना समर्थक वकीलों के प्रदर्शन और हिंसा के बाद शुक्रवार को कोर्ट का कामकाज शुरू हुआ। अदालत परिसर में तनाव को देखते हुए 2,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। तेलंगाना के वकील क्षेत्र में होने वाली विधि अधिकारियों की नियुक्ति में 42 फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं। कोर्ट परिसर के भीतर उन वकीलों को ही अंदर जाने देने की अनुमति दी गई जिनके पास पहचान पत्र थे। मुवक्किलों को दस्तावेज प्रस्तुत करने पर ही अंदर जाने दिया गया। उधर, पुलिस ने देर रात हड़ताल पर बैठे तीन वकीलों को उठाकर गांधी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। इस दौरान वकीलों के समर्थकों ने पुलिस को रोकने की कोशिश की जिससे परिसर में तनाव फैल गया। इन वकीलों के खिलाफ गुरुवार शाम को आत्महत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया। वकीलों पर परिसर में महाधिवक्ता के कार्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने के लिए भी मामला दर्ज किया गया। देश के प्रधान न्यायाधीश के आग्रह के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश काकरु अपनी छुट्टियों में कटौती कर हैदराबाद लौट आए। वापस लौटने के बाद उन्होंने सहयोगी न्यायाधीशों के साथ बैठकें की। बैठक के दौरान प्रदर्शन कर रहे वकीलों से सख्ती से निपटने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हिंसक गतिविधियों में लिप्त वकीलों की पहचान की जाएगी। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश ने शुक्रवार को न्यायाधीश न्यायमूर्ति सी. वी. नागार्जुना रेड्डी को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी कर लिया(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,18.9.2010)।

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