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18 सितंबर 2010

राजस्थानःपरीक्षा रद्द नहीं हुई तो सुप्रीम कोर्ट में डालेंगे अगला पड़ाव

एडीजे भर्ती प्रक्रिया में धांधली के विरोध में वकीलों के आह्वान पर शुक्रवार को राजस्थान बंद पूरी तरह सफल रहा। जयपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बंद का व्यापक असर दिखा। आम आदमी को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बंद सफल होने के बाद वकीलों की संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि अगर परीक्षा रद नहीं की गई तो शीघ्र ही प्रदेश के वकील दिल्ली पहुंचकर उच्चतम न्यायालय में पड़ाव डालेंगे। हालांकि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और बंद शांतिपूर्वक निपट गया। बंद को देखते हुए सरकार ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बंद का समर्थन भाजपा सहित विभिन्न व्यापार मंडलों और अन्य संगठनों ने भी किया था। सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के सांसद महेश जोशी और लालचंद्र कटारिया ने भी वकीलों के आंदोलन का समर्थन किया है। उधर, वकीलों का आंदोलन समाप्त कराने को लेकर सरकारी और उच्च न्यायालय प्रशासन स्तर पर वार्ताओं के दौर शुक्रवार को भी जारी रहे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। 22 दिन से चल रहे वकीलों के आंदोलन के कारण अदालतों में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। पंजीयन एवं मुद्रक विभाग में भी संपत्तियों की रजिस्ट्री का काम भी नहीं हो पा रहा है। वकीलों ने शुक्रवार सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद का आह्वान किया था। इस कारण शाम को ही व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले। अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स को बंद से मुक्त रखा गया था। जयपुर सहित कुछ स्थानों पर वकीलों के समूहों ने जबरन भी दुकानें बंद कराई। वकीलों की एक-दो स्थानों पर आटो रिक्शा वालों के साथ झड़प भी हुई जिसे पुलिस ने शांत कराया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने बंद को सफल बताते हुए कहा कि पार्टी के सभी विधायक और पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में वकीलों के साथ बंद के समर्थन में काम कर रहे थे। रामदेव जयंती का सरकारी अवकाश होने के कारण न्यायालय सहित सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे(दैनिक जागरण,राष्ट्रीय संस्करण,18.9.2010)।

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