राज्य के सबसे बड़े महाविद्यालय डीएवी पीजी कालेज के छात्रसंघ चुनाव के दौरान लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। यहां तक कि मंगलवार को मतदान के दौरान भी उम्मीदवार व उनके समर्थक कमेटी की सिफारिशों को ठेंगा दिखाते रहे। परसिर में ही नहीं वरन मतदान कक्षों में भी समर्थक और पोलिंग एजेंट्स भी चुनाव प्रचार में लगे रहे। यही नहीं प्रत्याशियों प्रचार सामग्री व छात्रों को मतदान स्थल तक लाने के लिए लाखों रुपया पानी की तरह बहाया। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि छात्रों को लाने के लिए ही लगभग सत्तर बसें व ढाई सौ कारें लगाई गई थी। अगर कीमत की बात करें तो इन पर करीब पांच लाख रुपये खर्च किया गया। मंगलवार को अध्यक्ष व महासचिव समेत छात्रसंघ के तमाम पदों के दावेदारों व समर्थकों ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का खुलकर उल्लंघन किया। मतदान कक्षों के लिए नियुक्त पोलिंग एजेंट्स हाथों में प्रचार सामग्री लेकर प्रवेश द्वार से मतदान कक्ष तक छात्रों पर अपने लिए वोट डालने के लिए दबाव डालते दिखे। जबकि लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार यह गलत है। इतना ही नहीं पोलिंग एजेंट्स बाकायदा छात्रों को निर्देश दे रहे थे कि किस नंबर वाले प्रत्याशी को वोट डालना है। चुनाव समिति व कालेज प्रशासन भी दिखावे भर के लिए छात्रों को खदेड़ते नजर आए। उनकी आंखों के सामने यह सब चलता रहा, लेकिन प्रत्याशियों व समर्थकों को किसी का डर नहीं था। मुख्य चुनाव अधिकारी डा. राकेश वर्मा लगातार यही कहते रहे कि मतदान परिसर में प्रचार पर पूरी तरह रोक लगाई गई है। इसके साथ ही सुरक्षा के लिए लगाए गए पुलिसकर्मी भी केवल हंगामे के वक्त ही दौड़ते दिखे पर उन्होंने प्रचार करने वाले छात्रों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दूसरी ओर, प्रत्याशियों ने वोटरों को लाने के लिए एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों वाहनों का प्रयोग कर लिंगदोह समिति का मजाक उड़ाया। एबीवीपी, एनएसयूआई व आर्यन समेत विभिन्न छात्र संगठनों ने छात्रों को घरों से कालेज लाने के लिए सैकड़ों बसों व कारों का प्रयोग किया। एक अनुमान है कि छात्र संगठनों ने इस कार्य पर करीब पांच लाख रुपये खर्च किए। इसके अलावा कुछ समर्थक अपनी कारों से ही कालेज पहुंचे। इस बारे में प्रत्याशियों के निकटतम समर्थकों ने बताया कि आधे से अधिक वाहन विकासनगर व जौनसार क्षेत्र के मतदाताओं को लाने के लिए इस्तेमाल किए। इसके अलावा प्रेमनगर, गढ़ीकैंट, शिमला बाइपास, सहसपुर, सेलाकुई, डोईवाला, रायवाला, क्लेमनटाउन, राजपुर आदि इलाकों से भी मतदाताओं को बसों और कारों से ही कालेज लाया गया(दैनिक जागरण,देहरादून,8.9.2010)।
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