मैं यदि असफल हूं, तो मुझे मेरे परीक्षा फल के अंकों का विवरण दिया जाए : सिविल सर्विस परीक्षार्थी दुख होता है यह सोचकर कि मैं सिविल सर्विस की मुख्य परीक्षा दो बार पास कर चुका हूं। लेकिन इस बार मेरा नाम सिविल सर्विस की प्रारम्भिक परीक्षा के सफल छात्रों में भी नहीं है : सिविल सर्विस परीक्षार्थी ऐसे दर्जनों परीक्षार्थी हैं जो संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा लिए गए सिविल सर्विस परीक्षा (सीएसई) के प्रारम्भिक परीक्षा में असफल हुए हैं और यूपीएससी से अपने परीक्षा फल के अंकों का विवरण मांग रहे हैं। लेकिन उन्हें अंकों का विवरण उपलब्ध नहीं हो रहा हैं। इन परीक्षार्थियों का कहना है कि पिछले माह सीएसई की प्रारंभिक परीक्षा के परीक्षा परिणाम जो प्रकाशित किए गए हैं उसमें उत्तीर्ण छात्रों के क्रमांक के बीच का अंतर कुछ संदेह पैदा करता है। जहां शुरू में पास हुए छात्रों के क्रमांक में दहाई अंकों का अंतर है वहीं बाद में पास हुए छात्रों को क्रमांक में हजारों का अंतर दिखाई दिया है। अब इस परीक्षा परिणाम को देखने से यह संकेत मिल रहे हैं कि बाद के क्रमाकों की तुलना में शुरुआती क्रमांक के परीक्षार्थी पढ़ने में ज्यादा तेज थे। वर्ष 2010 के सिविल सर्विस परीक्षा में 5,51,620 छात्रों ने फार्म भरे थे। इनके परीक्षा क्रमांक पर नजर डालें तो साफ होता है कि शुरू के 1,11,521 क्रमांक तक के परीक्षार्थियों में से 6300 प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे। जबकि बाद के 4,40,099 छात्रों में से मात्र 5899 छात्र ही सफल हुए। इतना ही नहीं जहां कई परीक्षा केंद्रों पर एक भी परीक्षार्थी सफल नहीं हुआ वहीं क्रमांक के अनुसार अंतिम 1,31,470 परीक्षार्थियों में से मात्र 316 ही सफल हुए। अब ये छात्र अपने परीक्षा फल के अंक देखने के लिए पिछले कई दिनों से यूपीएससी के दफ्तर व बड़े नेताओं के चक्कर काट रहे हैं। शुक्रवार को इन छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा परिणाम में हुई कथित धांधली को लेकर कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी से मुलाकात की। छात्रों के अनुसार राहुल गांधी से उनकी यह दूसरी मुलाकात थी। उन्हें कांग्रेस महासचिव की और से आश्वासन मिला है कि वह इस मामले की जांच मुख्य सतर्कता आयुक्त से करवाएंगे(कविलाश मिश्र,दैनिक जागरण,दिल्ली,18.9.2010)।
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