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05 सितंबर 2010

इंदौरःस्कूलों में बस्ता नहीं, आईपैड

आईपैड में सारी किताबें लोड हो जाएंगी। क्लासरूम से बोर्ड, चॉक और डस्टर भी विदा हो जाएंगे। बच्चे चाहे तो लेक्चर रिकॉर्ड कर सकेंगे। एक स्कूल में प्रयोग के तौर एक बच्चे को तीन साल के लिए आईपैड थमा दिया गया है। उसे ऑब्र्जव किया जा रहा है। उसके रिजल्ट्स के आधार पर इसे पूरे स्कूल में लागू किया जाएगा।

चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल में स्टूडेंट्स को आईपैड से पढ़ाई के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है। आई पैड में बुक रीडर, नोट पेड के साथ इंटरनेट कनेक्शन होता है। इसमें कम से कम 500 बुक सेव कर सकते हैं। यहा आईपैड टेक्स्टबुक के साथ नोटबुक का भी कार्य करता है जिससे भारी बैग्स के साथ पेपर वेस्टेज भी कम हो जाता है।

प्रिंसिपल दिलीप वासू कहते हैं स्कूल में इस तकनीक को लागू करने के लिए तीन साल का टारगेट रखा है। पिछले साल हुई फ्लैट वर्ल्ड क्लासरूम में जीतकर आए स्टूडेंट ने दुबई से यह आईपैड खरीदा है। इस आईपैड को 10 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है।

पेपरलेस के लिए कैम्ब्रिज कोर्स - डेली कॉलेज में भी इसी साल से कैम्ब्रिज कोर्स शुरू हुआ है। अभी यह 8वीं क्लास तक के स्टूडेंट्स के लिए है और अगले दो सालों में इसे 10वीं क्लास तक लागू करना है। स्कूल में ऑफिशियल वर्क और स्टूडेंट्स अटेंडेंस पेपरलेस ही होती है जिससे ऑफिस वर्क में पेपर का वेस्टेज कम हुआ है। मैथ्स टीचर मनीष ठक्कर कहते हैं कैम्ब्रिज कोर्स शुरू करने का उद्देश्य ही स्टडी में कम से कम पेपर का इस्तेमाल है। स्टूडेंट्स अपने प्रोजेक्ट और स्टडी लेपटॉप से ही करते हैं।

इससे ब्लैकबोर्ड का इस्तेमाल तो कम ही हो गया है। टीचर सरिता बधवार का स्वयं का वेब पेज है जिसमें वे प्रतिदिन पढ़ाए जाने वाल टॉपिक को फिड करती है जिससे अनुपस्थित स्टूडेंट्स या अन्य स्टूडेंट्स दोबारा पढ़ सकते हैं। साथ ही असाइनमेंट भी ले सकते हैं। वे पढ़ाई के लिए यू-ट्यूब जैसी साइट से लेसन तैयार करती हैं, जो प्रोजेक्ट, क्विज जैसी एक्टिविटी में मदद करती है।

होमवर्क होते हैं ऑनलाइन

टीचर्स का स्टूडेंट्स को ऑनलाइन होम वर्क देकर सब्मिट करना। इंदौर पब्लिक स्कूल में स्मार्ट क्लास चलती है जिसके द्वारा टीचर्स होमवर्क स्कूल साइट पर ही दे देती है जिससे स्टूडेंट्स ऑनलाइन ही सब्मिट कर देते हैं। प्रिंसिपल धर्मेद्र गोयल कहते हैं यह एक स्मार्ट असेसमेंट है जिससे 10वीं क्लास तक फॉर्मेटिव असेसमेंट ऑनलाइन ही होते हैं।

न्यू दिगम्बर पब्लिक स्कूल भी कुछ ऐसे ही प्रयास के साथ बैग सेल और पेपरलेस की तकनीक अपना रहा है। यहां सभी जूनियर क्लासेस के लिए टेक्स बुक्स स्कूल में रखने की सुविधा है। वहीं स्काइ ड्राइव साइट से प्रोजेक्ट ड्राइव पर अपलोड करते हैं। इसे टीचर्स बाद में चैक कर लेते हैं और स्टूडेंट्स का प्रोजेक्ट टीचर्स के पास संभालकर भी रहता है। एडवांस्ड एकेडमी में भी छह महीने पहले ही ई-पाठशाला शुरू हुई। इसमें स्टूडेंट्स पेन ड्राइव में अपने टॉपिक ले जाते हैं और कम्प्यूटर पर ही स्टडी करते हैं(दैनिक भास्कर,इन्दौर,5.9.2010)।

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