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05 सितंबर 2010

पंजाब:ईटीटी अध्यापकों का भविष्य कैबिनेट मंत्रियों के हाथ

ईटीटी अध्यापकों के संघर्ष का भविष्य अब राज्य के सभी कैबिनेट मंत्रियों के हाथ में है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने विगत दिवस ईटीटी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल से साफ कहा कि सात सितंबर की प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में अगर सभी मंत्री हामी भरते हैं, तो वह ईटीटी अध्यापकों को जिला परिषद के अधिकार क्षेत्र से निकाल कर शिक्षा विभाग में शामिल कर देंगे। उल्लेखनीय है कि सत्ता में आते ही उन्हें जिला परिषद से निकालकर शिक्षा विभाग में शामिल करने के अकाली दल-भाजपा गठबंधन के चुनावी वादे को पूरा करने की मांग को लेकर ईटीटी यूनियन पंजाब ने जबरदस्त संघर्ष छेड़ रखा है। बीती 14 अगस्त को फिरोजपुर की दाना मंडी में मुख्यमंत्री बादल की रैली में प्रदर्शन कर रहे ईटीटी अध्यापकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। इससे सरकार की किरकिरी हुई थी। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री बादल ने 26 अगस्त को चंडीगढ़ स्थित सीएम हाउस में अध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था। किन्हीं कारणों से बैठक टल गई, जो बीती पहली सितंबर को सीएम हाउस में हुई। 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूनियन के प्रांतीय अध्यक्ष जसविंदर सिंह सिद्धू ने किया। बैठक में शामिल होकर लौटे मालवा जोन के प्रधान संजीव नारंग ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री बादल, शिक्षामंत्री डा. उपिंदरजीत कौर, पंचायती राज मंत्री रंजीत सिंह ब्रहमपुरा, ओएसडी दलजीत सिंह चीमा, महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) कृष्ण कुमार, डीपीआई साधू सिंह रंधावा, दरबारा सिंह गुरु व पंचायती राज के निदेशक गुरदेव सिंह सिद्धू ने अध्यापकों को जिला परिषद में ही काम करते रहने पर दरपेश समस्याएं दूर कराने के लाख आश्वासन दिए। लेकिन प्रतिनिधिमंडल अपने एकमात्र एजेंडे शिक्षा विभाग में शामिल करने की मांग पर अड़ा रहा। आखिरकार, मुख्यमंत्री बादल को हथियार डालने पड़े, लेकिन उन्होंने इसके संबंध में फैसला सात सितंबर की कैबिनेट बैठक पर छोड़ दिया। नारंग ने कहा कि कैबिनेट बैठक से पहले पंजाबभर के सभी ईटीटी अध्यापक अपने-अपने क्षेत्र के कैबिनेट मंत्री से मिलकर उनके पक्ष में फैसला करने की गुहार लगाएंगे। इसके तहत ही फिरोजपुर व आसपास के जिलों के अध्यापक पांच सितंबर को सिंचाई मंत्री जनमेजा सिंह सेखों से मिलेंगे(दैनिक जागरण, फाजिल्का ,५.९.2010)।

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