उत्तरप्रदेश सरकार ने लखनऊ विश्वविद्यालय से बीएड के दूसरे चरण की काउन्सिलिंग का विस्तृत और तिथिवार ब्योरा तत्काल मांगा है। शासन ने लखनऊ विवि से यह भी पूछा है कि दूसरे चरण की काउंसिलिंग में यदि पहले चरण में प्रवेश लेने वाला अभ्यर्थी फिर से हिस्सा लेता है, तो उसके द्वारा पहले चरण में जमा किये गए शुल्क का समायोजन किया जायेगा या नहीं। शासन ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। गौरतलब है कि बीती 27 अगस्त को पहले चरण की काउन्सिलिंग समाप्त होने के बाद लखनऊ विवि ने शासन को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट के मुताबिक पहले चरण की काउन्सिलिंग के लिए 86,439 अभ्यर्थियों ने रिपोर्ट किया जिनमें से 84,118 को कालेज आवंटित कर दिये गए। बीती 31 अगस्त तक इनमें से 81,167 अभ्यर्थियों ने फीस जमा कर दी थी। पहले चरण की काउन्सिलिंग समाप्त होने के बाद बीएड की 1,02,665 सीटों में से 18,547 खाली हैं। इनमें से 455 सीटें विशेष श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं, जबकि 18,092 सीटें सामान्य अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध हैं। सामान्य अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध सीटों में से 15,751 मेरठ विवि और 2,341 सीटें आगरा विवि से संबंधित हैं। अपनी रिपोर्ट में लखनऊ विवि ने शासन को कुछ सुझाव भी दिये थे। विवि ने शासन को बताया है कि पिछले वर्षों में बीएड में प्रवेश के लिए तीन चरणों की काउन्सिलिंग में जितने अभ्यर्थियों को कालेज आवंटित हो जाते थे, उससे ज्यादा अभ्यर्थियों को इस बार पहले चरण की काउन्सिलिंग में ही सीटें आवंटित हो चुकी हैं(दैनिक जागरण,लखनऊ,9.9.2010)।
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