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30 सितंबर 2010

उत्तराखंडःप्रशिक्षु डाक्टरों का मानदेय बढ़ेगा

देर से ही सही,उत्तराखंड सरकार को आयुष के प्रशिक्षु डॉक्टरों की याद तो आई। प्रशिक्षु डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाने की तैयारी है। इस बारे में शासन स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। संबंधित फाइल पर वित्त की हरी झंडी का इंतजार है। सूत्रों की मानें तो इंटर्नशिप करने वाले डॉक्टर को सात हजार मानदेय मिलेगा। सूबे में आयुर्वेद के पांच कालेज हैं। पढ़ाई के बाद डॉक्टरी की पे्रक्टिकल नॉलेज के लिए एक साल की इंटर्नशिप जरूरी है। इस दौरान तीन माह कालेज में, तीन माह किसी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और छह माह किसी जिला अस्पताल में एक नियमित डॉक्टर की भांति काम करना होता है। इसके बाद ही सरकारी नौकरी या फिर निजी प्रैक्टिस का अधिकार मिलता है। हैरानी की बात यह है कि सूबे में प्रशिक्षु डॉक्टरों को यूपी के समय की 1950 रुपये मासिक मानदेय देने की व्यवस्था अभी भी बरकरार है जबकि यूपी ने यह राशि बढ़कर साढ़े सात हजार कर दी है। दूसरे प्रदशों में भी इतना या इससे ज्यादा ही है। निदेशालय की ओर से प्रशिक्षु डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाने की बात अरसे से कही जा रही थी पर निर्णय अब जाकर लिया गया। इसके तहत इंटर्नशिप कर रहे डॉक्टर का मानदेय 1950 से बढ़ाकर 7000 किए जाने का प्रस्ताव है। यानि तीन गुना से ज्यादा। इस बारे में निदेशालय की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर शासन स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से तेजी लाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। लिहाजा वित्त की ओर से शीघ्र सहमति मिलने की उम्मीद है(दैनिक जागरण,देहरादून,30.9.2010)।

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