इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर माध्यमिक विद्यालयों के साथ साथ प्रदेश में अनुदानित प्राथमिक विद्यालयों में स्वीकृत पद व इन पर तैनात शिक्षकों की जांच कराई गई थी। अधिकारियों की मानें तो काफी कम संख्या में होने के बावजूद इन विद्यालयों में नियुक्ति में काफी अनियमितताएं मिली हैं। कई स्थानों पर एक ही आदेश से एक से अधिक शिक्षक भी नियुक्त पाए गए।
हाईकोर्ट ने इस साल मार्च में माध्यमिक शिक्षा विभाग को अनुदानित विद्यालयों में शासन द्वारा स्वीकृत पदों के सत्यापन के निर्देश दिए थे। इसमें विद्यालयों में तैनात शिक्षकों का सत्यापन किया जाना था कि क्या वह स्वीकृत पद के सापेक्ष तैनात हैं। इसी क्रम में शासन ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के साथ साथ बेसिक शिक्षा विभाग को भी अनुदानित विद्यालयों की जांच करने का निर्देश दिया था। बेसिक शिक्षा विभाग में प्रदेश भर में अनुदानित विद्यालयों की संख्या खासी कम है। प्रदेश भर में लगभग 350 अनुदानित विद्यालय ही हैं। इसके बावजूद इनमें बड़ी संख्या में अनियमितताएं मिलीं थीं।
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव आई पी शर्मा के अनुसार कई विद्यालयों में ऐसे मामले भी पकड़े गए जिसमें एक ही नियुक्ति आदेश लगाकर कई शिक्षकों को नियुक्त कर दिया गया था। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट पर इस तरह तैनात फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया(जागरण डॉटकॉम,18.9.2010)।
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