रांची नियोजनालय में गुरुवार को सुबह से ही बेरोजगारों का मेला लगा रहा। लंबे समय बाद नियोजनालय के माध्यम से फॉर्म जमा करने का विज्ञापन निकला है। जल संसाधन विभाग के तहत सिंचाई विभाग में तृतीय व चतुर्थ वर्ग के 1,872 पदों पर नियुक्ति के लिए वेबसाइट पर आवेदन करने का निर्देश जारी हुआ था। फॉर्म विक्रेताओं ने वेबसाइट को आधार बनाकर फॉर्म बाजार में बेचना शुरू कर दिया। फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 18 सितंबर है। अंतिम तिथि को निकट आता देख नियोजनालय में पंजीयन करानेवालों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इसके बाद शुरू होती है फॉर्म भरने की जद्दोजहद। सभी अपना फॉर्म जमा कराने की जद्दोजहद करते दिखे।
विभाग के दैनिक वेतनभोगियों को मिलेगी प्राथमिकता :
जल संसाधन विभाग में पहली अगस्त के पूर्व से कार्य कर रहे कर्मचारियों के अनुभव को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। माना जा रहा है कि उन कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वरीयता के आधार पर नियुक्ति होगी। इसके बाद अन्य अभ्यर्थियों को मौका मिलेगा। एमए पास भी कर रहे आवेदन भले ही जल संसाधन विभाग के इन पदों पर नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता साक्षर से इंटर तक की है। लेकिन, आवेदन करनेवाले स्नातकोत्तर स्तर तक के हैं। रांची विवि से भूगोल में पीजी करनेवाले ओरमांझी के संतोष महतो कहते हैं कि नौकरी कहां है। अभी मौका मिल रहा है तो छोड़ें क्यों। कुछ यही सवाल रांची वीमेंस कॉलेज से जूलॉजी ऑनर्स अंतिम वर्ष की छात्रा मृणालिनी खलखो करती हैं। वे पूछती हैं और कहीं रिक्ति है क्या?
लगातार बढ़ रही संख्या:
नियोजनालय में पहले मैट्रिक से उच्च शिक्षा स्तर तक के 23,779 बेरोजगार निबंधित थे। सिंचाई विभाग की रिक्तियों के बाद गुरुवार तक इसमें एक लाख 78 हजार की वृद्धि हो चुकी है। नियोजनालय कर्मचारियों की मानें तो अगले दो दिनों में इसमें और बढ़ोतरी होगी।
अच्छा है वेतनमान :
एक तो सरकारी नौकरी का क्रेज और दूसरा ठीक-ठाक पैकेज युवाओं को इस वैकेंसी की तरफ लुभा रहा है। तृतीय वर्गीय पदों- लेखा लिपिक, टंकक, आशुटंकक, प्रारूपक 2, जीप चालक सह स्टॉफ कार चालक, पत्राचार लिपिक व भंडारपाल के लिए वेतनमान 5200-20200 रुपये है। वहीं, चतुर्थ वर्गीय पदों- अनुसेवक, स्वीपर, कोषरक्षक सह चौकीदार, जंजीरवाहक, कोषरक्षक, दफ्तरी और चौकीदार के लिए वेतनमान 4440-7440 रुपये है। लेखा लिपिक के लिए फॉर्म भर रही शुभद्रा उरांव ने कहा कि बढि़या पैकेज है। कम से कम पारा शिक्षकों से तो बेहतर है। युवाओं का कहना है कि भले ही सिंचाई विभाग के दैनिक वेतनभोगियों को प्राथमिकता मिले, लेकिन नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से होनी चाहिए(दैनिक जागरण,रांची,17.9.2010)।
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