रेलवे बोर्ड ने अपने सेन्ट्रल टिकट चैकिंग दस्ते को सुदृढ बनाने के लिए इसमें कार्यरत कर्मचारियों की भर्ती के मानदंडों में बदलाव किया है। अब क्षेत्रीय मुख्य वाणिज्य प्रबंधकों की ओर से भेजे जाने वाले प्रस्तावों को मात्र अनुशंसा के आधार पर ही स्वीकार नहीं किया जाएगा। उनकी नियुक्ति से पहले उनके व्यक्तित्व के परीक्षण के साथ सर्विस रिकॉर्ड भी देखा जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि नए मापदंडों के अनुसार सेन्ट्रल दस्ते में शामिल होने के लिए आवेदन करने वाले निरीक्षक को टिकट चैकिंग का न्यूनतम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए और वेतनमान 4200 रूपए ग्रेड पे या इससे अघिक हो। इसके अलावा एसपीई, सतर्कता, अनुशासन एवं अपील नियम संबंधी कोई मामला विचाराधीन नहीं होना चाहिए।
उनमें ड्राफ्ट एवं सार रिपोर्ट प्रस्तुत करने की क्षमता हो। व्यवहार शिष्ट हो और यात्रियों के साथ अपनी बात मजबूती से रखने की क्षमता हो। समय-समय पर जारी किए गए नियमों और अनुदेशों की पालना कराने का बेहतर ज्ञान हो। इन मापदंडों के अनुसार संतुष्ट होने के बाद ही मुख्य वाणिज्य प्रबंधक अनुशंसा के लिए निरीक्षकों के नाम रेलवे बोर्ड को भिजवाएंगे।
दोबारा अवसर नहीं
सेन्ट्रल टिकट चैकिंग दस्ते में काम कर चुके कर्मचारियों को दुबारा अवसर नहीं दिया जाएगा। एक क्षेत्रीय रेलवे से अघिकतम पांच टिकट निरीक्षकों को ही दस्ते में शामिल किया जा सकेगा। वाणिज्य यातायात निदेशालय के निदेशक ओ.पी. चावला ने महाप्रबंधकों को परिपत्र जारी करके इसकी अनुपालना के निर्देश दिए हैं। दस्ते में जिन कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा, उनके प्रस्ताव मुख्य वाणिज्य प्रबंधक की अनुशंसा के साथ 6 अक्टूबर तक रेलवे बोर्ड को भेजने होंगे।
ये है दस्ते का काम
सेन्ट्रल दस्ता टिकट चैकिंग के साथ टिकटों की जालसाजी का पता लगाने का काम करता है। यात्रियों की बढती आकांक्षाओं के अनुरूप 'ऑन बोर्ड सेवाओं' में सुधार लाने के लिए मॉनीटरिंग के लिए भी इस दस्ते के कर्मचारियों का उपयोग किया जाता है(राजस्थान पत्रिका,कोटा,9.9.2010)।
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