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03 सितंबर 2010

यूनिवर्सिटीज में इंदौर का ‘कृष्ण मैनेजमेंट’

इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी का मैनेजमेंट कोर्स कृष्ण के उपदेशों और लीडरशिप को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ स्टडीज ने तैयार किया था, लेकिन यूजीसी काफी समय तक इस पर सहमत नहीं हुआ। प्रैक्टिकल उदाहरणों से जब यूजीसी के सामने इसे प्रेजेंट किया गया तो उन्हें सिलेबस इतना पसंद आया कि 2002 से इसे देशभर की यूनिवर्सिटीज में लागू कर दिया गया।

डीएवीवी में बना था सिलेबस- एमबीए के सिलेबस में इंडियन एथिक्स मैनेजमेंट, इंडियन मॉडल ऑफ मोटिवेशन, इंडियन मॉडल ऑफ लीडरशिप और गुण सिद्धांत कृष्ण के मैनेजमेंट से लिए गए हैं। उस समय के बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों ने भगवद्गीता से प्रेरित होकर कृष्ण के मोटिवेशन वाली बातें सिलेबस में सम्मिलित की थी।

यूनिवर्सिटी के इंस्टिटच्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर डॉ. पी.एन. मिश्रा का कहना है शुरुआत में यूजीसी को सिलेबस पसंद नहीं आया। कुछ समय बाद मैनेजमेंट का सार प्रैक्टिकल रूप से समझाया गया तो यूजीसी टीम ने इससे प्रभावित होकर सहमति दे दी। 2002 से यूजीसी ने देश की सभी यूनिवर्सिटीज में इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया।

आईआईएम कोलकाता कृष्ण की राह पर- आईआईएम बोर्ड ऑफ गवर्ननेंस के मेंबर प्रो. एस. के. चक्रवर्ती ने आईआईएम कोलकाता में कृष्ण मैनेजमेंट के माध्यम से इंडियन वैल्यूज को विस्तार से समझाने की कोशिश की। उन्होंने जीवन को सफल बनाने के लिए कृष्ण के उपदेशों के जरिये एक पाठ्यक्रम तैयार किया, जो आज आईआईएम कोलकाता में पढ़ाया जा रहा है। इसमें इंडियन स्टूडेंट्स के साथ ही बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स काफी रुचि ले रहे हैं।

केसबेस्ड लर्निग- बिजनेस का एथिक्स पार्ट कृष्ण के साथ जुड़ा है। उनकी सारी विधाएं गीता में मिलती हैं। समय-समय पर कृष्ण द्वारा अजरुन को मार्गदर्शन देना स्टूडेंट्स को पढ़ाने जैसा है। प्रेस्टीज इंस्टिटच्यूट ऑफ मैनेजमेंट देवास के डायरेक्टर डॉ.आर.के.जैन कहते हैं हमारे यहां सभी स्टूडेंट्स से कृष्ण मैनेजमेंट पर केस स्टडीज कराई जाती है।

इस समय का दौर केस-बेस्ड लर्निग (सीबीएल) का है, जिसमें कृष्ण की मैनेजमेंट क्वालिटी को ध्यान में रखा जाता है। देश के उच्च संस्थानों के साथ ही फॉरेन में भी कृष्ण का मैनेजमेंट पढ़ाया जाने लगा है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,1.9.2010)।

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