राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(एनसीटीई)ने ओपन से बीएड प्रवेश पात्रता में प्रतिशत की बाध्यता को समाप्त कर दिया है। इस निर्णय से वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय की प्री-बीएड की प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद काउंसलिंग से वंचित छात्रों को राहत मिली है।
वीएमओयू की अप्रैल में हुई प्रीबीएड परीक्षा में पूर्व के नियमों के तहत 40 प्रतिशत अंकों से स्नातक एवं स्नातकोत्तर में पास छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। उत्तीर्ण छात्रों की 21 से 23 जून तक काउंसिल आयोजित कर मेरिट के आधार पर बीएड की 500 सीटों पर प्रवेश दिया जाना था, लेकिन इसी बीच एनसीटीई ने जून के प्रथम सप्ताह में एक आदेश जारी कर सत्र 2009-11 में खुली एवं दूरस्थ पद्धति से बीएड करने वाले छात्रों की योग्यता में परिवर्तन कर दिया।
इसमें सामान्य वर्ग के विद्यार्थी के लिए स्नातक एवं स्नातकोत्तर में 55 प्रतिशत तथा एससी-एसटी, विधवा, फिजीकल हैंडीकेप के लिए 50 प्रतिशत अनिवार्य कर दी । इस नियम से प्रीबीएड परीक्षा पास कर चुके ऐसे करीब १५क् से अधिक स्टूडेंट्स को प्रवेश से रोक दिया गया था(दैनिक भास्कर,कोटा,3.9.2010)।
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