अभिभावक लगाने लगे स्कूलों पर फरेब का आरोप,
हर साल कई छात्र होते हैं शिकार
बिहार में निबंधित स्कूल 327
पटना में 10वीं तक के स्कूलों की संख्या 90
पटना में 12वीं तक के स्कूलों की संख्या 35
सीबीएसई स्कूलों में रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू होते ही बवाल का दौर शुरू हो गया है। हालांकि यह हर साल की घटना है और बोर्ड परीक्षा होने तक अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच झड़प चलती रहती है। बुधवार को ऐसा ही एक मामला कदमकुआं स्थित संत कोलंबस स्कूल में हुआ, जहां सेंटर को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रशासन के बीच बहस हो गई। इसके अलावा कई स्कूलों में नौंवी और 11वीं में रजिस्ट्रेशन के नाम पर चार से पांच गुणा अधिक की राशि वसूली जा रही है। सीबीएसई स्कूलों में 10वीं और 12वीं में एग्जाम दिलाने के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है । यह खेल बच्चों के भविष्य को दांव पर रखकर खेला जा रहा है । सीबीएसई से मान्यता-प्राप्त और सीबीएसई से गैर-मान्यताप्राप्त स्कूलों की मिलीभगत से हो रहा है इस खेल में हर साल सैकड़ों छात्र-छात्राएं इसके शिकार हो रहे हैं ।
क्या है खेल
पटना जिले में करीब 90 स्कूल दसवीं तक और 35 स्कू ल 12वीं तक मान्यताप्राप्त हैं । लेकि न इससे भी कहीं ज्यादा स्कूल हैं जो सीबीएसई के नाम पर अपना स्कूल चलाते हैं । इन स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता नहीं है। जाहिर है यहां के स्टूडेंट सीबीएसई द्वारा निबंधित होकर एग्जाम भी नहीं दे सकते हैं । खेल यहीं पर होता है। ये स्कूल 10वीं और 12वीं के बच्चों का भी एडमिशन ले लेते हैं और इनका फॉर्म वैसे स्कूलों से भरवाते हैं जो सीबीएसई से मान्यताप्राप्त हैं । बदले में इनसे एग्जामिनेशन फीस के तौर पर मोटी रकम (25 हजार तक ) वसूली जाती है। असल में अधिकतर अनिबंधित स्कू ल ऐसे होते हैं जहां कभी पढ़ाई नहीं होती है और सिर्फ गलत तरीकों से फॉर्म भरवाकर अपनी कमाई करते हैं । एफिलिएटेड स्कूल भी अपनी एफिलिएशन का फायदा उठाकर अतिरिक्त कमाई करते हैं ।
कहां नजर में आया फरेब
संत कोलंबस स्कूल में अभिभावकों ने सेंटर को लेकर बवाल मचाया। सीसीई स्कीम लागू होने के कारण नौवीं और दसवीं में होने वाले इंटरनल एग्जाम भी सीबीएसई के देखरेख में लिए जा रहे हैं । ऐसे में इस स्कूल के बच्चों का सेंटर हाजीपुर कर दिया गया था। अभिभावक इसी चीज का विरोध कर रहे थे। इधर सीबीएसई रीजनल ऑफिस, पटना में कई स्कूलों के बारे में शिकायतें आई हैं । सीबीएसई का पटना कार्यालय इसपर कार्रवाई की तैयारी कर रही है। स्कू लों के ऊपर आरोप है कि रजिस्ट्रेशन फीस 450 रुपए होने के बावजूद स्टूडेंट से 1500 से 2000 रुपए तक वसूले जा रहे हैं । सीबीएसई के अधिकारियों ने कहा कि होली विजन बेली रोड, होली मिशन राजीव नगर, न्यू हॉली मिशन अनीसाबाद और होली मिशन स्कूल एसके पुरी के बारे में शिकायतें मिली हैं । ये स्कूल सीबीएसई से एफिलिएटेड नहीं है और दूसरे स्कूल से फॉर्म भरवाते हैं । बदले में ये रजिस्ट्रेशन के नाम पर अधिक पैसा वसूल रहे हैं ।
क्यों लेते हैं एडमिशन
बड़े और निबंधित स्कूलों में एडमिशन के दौरान होने वाली पेंचीदगी और अधिक पैसे के कारण कई अभिभावक अपने बच्चों का वहां दाखिला नहीं करवा पाते हैं । इसका फायदा उठाते हुए कई स्कूल खुद सीबीएसई से एफिलिएटेड और कम फीस का दिखावा कर अभिभावकों को लुभा लेते हैं । अभिभावक भी आसानी से हो रहे एडमिशन या फिर नजदीक में स्कूल होने के कारण यहां बच्चों का एडमिशन दिलवा देते हैं । बाद में जब इनसे रजिस्ट्रेशन और एग्जामिनेशन के नाम पर अधिक राशि की मांग की जाती है तो असलियत सामने आती है। ऐसे स्कूल रजिस्ट्रेशन और एग्जामिनेशन फीस के नाम से आने वाली मोटी रकम का हिस्सा खुद और जहां से फॉर्म भरवाते हैं, उसके बीच बांट लेते हैं ।
क्या है सीबीएसई का नियम
सीबीएसई के बाइलॉ में स्पष्ट लिखा हुआ है कि क्लास में रेग्यूलर रहने वाले स्टूडेंट को ही परीक्षा देने का अधिकार है। इसके अलावा कोई भी स्कूल सिर्फ अपने स्कूल के बच्चों को ही परीक्षा में बिठा सकता है।
पैरेंट्स अगर करें शिकायत तो होगी कार्रवाई :
सीबीएसई सीबीएसई गुणात्मक शिक्षा पर जोर दे रही है। गड़बड़ी करने वाले स्कूलों के बारे में जानकारी दें तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। जिन विद्यालयों को निबंधित किया है, उसका कोड नंबर भी दिया जाता है। कोड नंबर के बिना खुद को सीबीएसई से संबंद्ध बताने वाले विद्यालय फर्जी हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। बीएम यादव (क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारी क्षेत्रीय कार्यालय,इलाहाबाद)
(प्रशान्त कक्कड़,हिंदुस्तान,पटना,16.9.2010)
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