हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को अब शैक्षणिक सत्र के बीच में पदोन्नति नहीं मिलेगी। इसके लिए उन्हें सत्र खत्म होने का इंतजार करना होगा। शिक्षा विभाग स्कूलों के शैक्षणिक सत्र के अंत में ही शिक्षकों को पदोन्नति देगा। जानकारों के अनुसार सरकार की पुनर्राजगार नीति के कारण शिक्षा विभाग को ऐसा करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
अभी तक शिक्षा विभाग में शिक्षकों को पूरा साल पदोन्नति देने की व्यवस्था चल रही थी। शिक्षा विभाग के जानकारों की मानें तो इस व्यवस्था के कारण भी स्कूलों में अध्ययनरत छात्रों की पढ़ाई में व्यवधान पड़ता था। शिक्षक की पदोन्नति होने के कारण संबधित कक्षा के छात्रों को या तो दूसरा शिक्षक मिलता था या फिर पद कई महीनों तक खाली चला रहता था।
नया शिक्षक आने पर छात्रों को एडजस्टमेंट करने में दिक्कत आती थी। वहीं, पद खाली चले रहने के कारण किसी एक विषय की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो जाती थी। पुनरेजगार नीति के कारण जहां स्कूलों में केवल दो बार पद खाली होंगे तो वहीं पदोन्नतियां देने की संभावना नहीं रह जाएगी।
विभाग हर शैक्षणिक सत्र के अंत होने से तीन महीने पहले पदोन्नतियां देने के लिए प्रकिया शुरू करेगा। मार्च के अंत में जहां शैक्षणिक सत्र खत्म हो जाता है तो एक साथ पदोन्नतियां दी जाएंगी। इससे शिक्षकों को भी सुविधा रहेगी और छात्रों की पढ़ाई में भी व्यवधान नहीं पड़ेगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ओपी शर्मा के अनुसार इस साल के लिए पदोन्नतियां तो दी जा चुकी हैं लेकिन अगले सत्र से नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।
वर्तमान में शिक्षा विभाग में लगभग 70 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं जो अगले शैक्षणिक सत्र से नई व्यवस्था के तहत ही पदोन्नति प्राप्त करेंगे। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. ओपी शर्मा का मानना है कि शिक्षकों को पदोन्नति देने के व्यवस्था में बदलाव लाया जा रहा है जो छात्रों और शिक्षकों दोनों के ही हित में रहेगा। उनके अनुसार केवल अप्रैल में ही शिक्षकों को पदोन्नतियां दी जाएंगी(दैनिक भास्कर,शिमला,12.10.2010)।
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