गुरु गोविंद सिंह इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (आईपीयू) में गेस्ट फैकल्टी के तौर पर छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। विवि में फुल टाइम व वीकेंड पाठ्यक्रमों के लिए बाहर से बुलाए जाने वाले ऐसे विशेषज्ञों को खास फायदा होने जा रहा है।
विश्वविद्यालय के फैसले के तहत डीन से लेकर कोऑडिनेटर और अध्ययन से लेकर विशेष प्रोजेक्ट सलाहकार तक की भूमिका निभाने वालों को पहले के मुकाबले ज्यादा भुगतान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार बीपी जोशी की ओर से जारी आदेश के तहत नए मेहनतानों की जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि पहले और अब बाहर से आने वाली गेस्ट फैकल्टी को कितना भुगतान विश्वविद्यालय करेगा। रजिस्ट्रार की ओर से तय नए मेहनताने यूनिवर्सिटी स्कूल्स व इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी (आईजीआईटी) पर ही लागू होंगे।
नए मेहनतानों के तहत बाहरी शिक्षकों व अन्य सहयोगियों को अब अधिक भुगतान किया जाएगा, जिसमें डीन स्तर पर नियुक्ति पाने वाले गेस्ट फैकल्टी को 180 छात्रों के होने पर 15 हजार और उससे अधिक पर 22 हजार रुपए सालाना मिलेंगे। अभी तक यह राशि 12 व 18 हजार रुपये थी।
इसी तरह, प्रोग्राम कोऑडिनेटर को 25 के मुकाबले 28 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर दिए जाएंगे। शिक्षकों की बात करें तो थ्योरी कोर्स के लिए प्रति सेमेस्टर एक क्रेडिट कोर्स के लिए 12 हजार रुपए के मुकाबले असिस्टेंट प्रोफेसर को 16, ऐसोसिएट प्रोफेसर को 18 और प्रोफेसर को 20 हजार रुपए दिए जाएंगे, जबकि थ्योरी के बाद प्रैक्टिलकल/ लैब कोर्स के शिक्षकों का मेहनताना पहले की तरह 18 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर ही रखा गया है।
अन्य श्रेणियों विशेष प्रोजेक्ट के लिए गाइडेंस देने वालों को एमबीए के लिए प्रति प्रोजेक्ट के हिसाब से 3 हजार के बजाए अब 35 सौ रुपए मिलेंगे। जबकि, एमटेक प्रोजेक्ट में यह राशि प्रति प्रोजेक्ट 4 हजार से बढ़ाकर 4500 रुपए कर दी गई है। विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार की ओर से जारी आदेश के तहत नया मेहनताना मौजूदा सत्र 2010-11 से ही लागू हो रहा है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,12.10.2010)।
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