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15 अक्तूबर 2010

आईआईएम-लखनऊ

हिन्दुस्तान टाइम्स बेस्ट बी स्कूल्स इन इंडिया सर्वे में आईआईएम-लखनऊ 5वें रैंक पर है।
‘हमारी प्रतियोगिता खुद से ही है और हम पूर्ण शिक्षा पर जोर देते हैं।’ जब इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट, लखनऊ के निदेशक देवी सिंह ने यह कहा तो हमारी इच्छा यह देखने की हुई कि क्या वह अपने शब्दों पर खरे उतरते हैं। आईआईएम-एल के परिसर में प्रौढ़ शिक्षा कक्षाएं संचालित की जाती हैं। द्वितीय वर्ष की छात्र ईशानी प्रूथी के अनुसार परिसर में सहयोगी स्टाफ और कर्मचारी समेत सभी को साक्षर बनाया जाता है। देवी सिंह के अनुसार यह महज सामाजिक सेवा के काम तक सीमित नहीं है। पाठय़क्रम को इस तरह रूप दिया गया है, जिससे छात्र-छात्राएं सामाजिक सरोकार से भी जुड़े रहें।
इस बात को और आगे बढ़ाते हुए जेपी मोरगन चेज, लंदन के ग्लोबल बिजनेस मैनेजर विनीत चौहान और आईआईएम-एल के पूर्व छात्र के अनुसार आईआईएम-एल की सबसे अच्छी बात इसका यह दोहरा प्रभाव है। यह मात्र छात्र-छात्राओं को प्रबंधन का पाठ पढ़ाना और उनकी विश्लेषण क्षमता का विकास नहीं करता, एक बेहतर मनुष्य के रूप में भी उनका विकास करता है।
आईआईएम-एल मात्र अच्छे नैतिक मूल्यों का ही पाठ नहीं पढ़ाता। संस्थान ढांचागत बदलाव में सुधार की दिशा में भी तेजी से बढ़ रहा है। जल्द ही कैंपस परिसर में स्पोर्ट्स और रिक्रिएशन सेंटर, स्वीमिंग पूल और अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेस के लिए ऑडिटोरियम देखने को मिलेगा।
संस्थान के सेवानिवृत्त 64 वर्षीय प्रो. एस चक्रवर्ती, जो वहां क्वालिटी मैनेजमेंट और रिसर्च मैथडोलॉजी पढ़ाते थे, के अनुसार उन्होंने इस संस्थान का विकास 1984 में एक कमरे के टीचिंग सेंटर के दिनों से देखा है। आज 185 एकड़ का हरा-भरा कैंपस इस संस्थान के पास है। मैंने यहां पहले बैच को पढ़ाया है। इन सबके बावजूद हमने कभी भी खुद को आईआईएम-अहमदाबाद, बेंगलुरू और कोलकाता से कम नहीं समझा।
इस वर्ष 414 छात्रों के साथ आईआईएम-एल में सभी आईआईएम की तुलना में सबसे बड़ा बैच है। वर्ष 2010 में प्लेसमेंट भी ऊंचा रहा और 41 प्री-प्लेसमेंट ऑफर और 123 लेटरल ऑफर ऊंचे पदों के लिए स्टूडेंट्स को ऑफर किए गए।
वर्ष 2010 बैच की पूर्व छात्र और फिलहाल डियाजिओ में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में काम कर रही सोनाली शेल्के के अनुसार आईआईएम-एल में पढ़ने का उनका अनुभव काफी अच्छा रहा। यह एक ऐसी जगह है, जहां मेरा भारत और दुनिया भर से बिजनेस क्षेत्र में सोचने वाले बेहतरीन लोगों से मिलना हुआ। एक वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य ने पुरानी बात याद करते हुए बताया कि एक दीक्षांत समारोह के दौरान आईआईएम-अहमदाबाद के निदेशक ने कहा-भविष्य आईआईएम-लखनऊ का है। यह शब्द वाकई दिव्य साबित हुए।
फैक्ट फाइल
मुख्य कोर्स- पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम (पीजीपी), पीजीपी-एग्रीकल्चर एंड बिजनेस मैनेजमेंट
कोर्स फीस- 8 लाख रुपये
वर्तमान बैच आकार- 414
छात्र-छात्रा अनुपात- 348 पुरुष व 66 महिलाएं
फैकल्टी-छात्र अनुपात- 1 : 5.5
प्लेसमेंट सत्र- वर्ष 2010 में 7 दिन, 2009 में 2 दिन और 2008 में एक सप्ताह
ऑफर की संख्या- 370 ऑफर
औसत घरेलू वेतन (वर्ष 2010)-घोषित नहीं
औसत अंतर्राष्ट्रीय वेतन (2010)-घोषित नहीं
विदेश में प्लेसमेंट: 17
प्रसिद्ध पूर्व छात्र- आईसीआईसीआई बैंक के एग्जीक्युटिव डाइरेक्टर राजीव सब्बरवाल, बार्कले कैपिटल के निदेशक निमिश माथुर, आगिल्वी एंड मैथर के अध्यक्ष संजय थापर, विप्रो के चीफ स्ट्रैटजी ऑफिसर लक्ष्मीनारायण केआर।
मुख्य नियोक्ता : गोल्डमैन सैश, कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजिज, पीएंडजी, यस बैंक
मनोरंजक तत्त्व: बड़ा हराभरा खूबसरत कैंपस।
(हिंदुस्तान,12.10.2010)
 

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