मायापुरी रेडिएशन प्रकरण के बाद डीयू पर रेडियोएक्टिव पदार्थ के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी हट सकती है, लेकिन केवल एमएससी स्तर पर प्रयोग के लिए ही। बीएससी स्तर पर इन पदार्थो के प्रयोग के लिए डीयू को अभी लंबा इंतजार करना होगा। उधर, डीयू ने कोबाल्ट-60 मुद्दे की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड (एईआरबी) को सौंप दी है। इस बाबत डीयू के एक दल ने बीते शुक्रवार को एईआरबी अधिकारियों से मुलाकात की। दल के सदस्यों ने छात्रों के हितों के आधार पर डीयू में रेडियोएक्टिव पदार्थ पर बोर्ड द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की बात कही। डीयू के कुलपति प्रो. दीपक पेंटल ने कहा कि डीयू का एक दल जिसमें रजिस्ट्रार और रसायन विज्ञान के विभागाध्यक्ष एके. बख्शी शामिल थे। इन लोगों ने एईआरबी के अधिकारियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद कम से कम एमएससी स्तर पर डीयू पर लगा प्रतिबंध डीयू से हटाने पर बात हुई है। एईआरबी से बातचीत के दौरान उन्होंने डीयू से उन रेडियोएक्टिव पदार्थो के इस्तेमाल की मंजूरी देने को कहा जिन पर पाबंदी लगा दी गई है। बहरहाल, रेडियोलॉजिकल अधिकारी द्वारा ये जांचा जाएगा कि डीयू द्वारा किए गए इंतजाम सही हैं या नहीं, उसके बाद इस बारे में फैसला लिया जाएगा। एक्स-रे जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थो को बंद कर दिया जाएगा और न इस्तेमाल होने वाले पदार्थो को एईआरबी को वापस भेज दिया जाएगा। इसके अलावा डीयू के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ लांग लर्निग ने एक गाइड बनाई है, जिससे छात्रों को लैब में काम करते वक्त एहतियातों के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही रसायन विज्ञान की लैब में प्रत्येक रसायनों पर सिंबल भी लगाए गए हैं। ज्ञात हो कि डीयू कबाड़ से मायापुरी इलाके में कोबाल्ट-60 से फैले रेडिएशन से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग झुलस गए थे(दैनिक जागरण,दिल्ली,13.10.2010)।
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