प्रदेश में खुलने वाले नए इंजीनियरिंग कॉलेजों को अब तकनीकी विश्वविद्यालय से मान्यता लेनी होगी।फरवरी 2011 से ऑल इंडिया काउंसिल से मंजूरी लेने वाले नए इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए यह नया सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान व्यवस्था के तहत इंजीनियरिंग कॉलेज प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त हैं।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय ने नया सिस्टम लागू करने के लिए सभी औपचारिकताएं पूरा करने की प्रकिया शुरू कर दी है। सरकार ने जहां तकनीकी विश्वविद्यालय को हमीरपुर में स्थापित करने के लिए मंजूरी दे दी है।
इसके लिए पद भी स्वीकृत किए जा चुके हैं और कुलपति के चयन के लिए सर्च कमेटी का भी गठन कर लिया है। कुलपति और पदों को भरने की प्रकिया को जनवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। फार्मेसी कॉलेज, कंप्यूटर एप्लीकेशन और दूसरे कुछ अन्य संस्थानों की संबद्धता भी इसी विश्वविद्यालय से होगी।
इस नए सिस्टम के लागू होने से प्रदेश विश्वविद्यालय से सबंद्धता प्राप्त कई संस्थान भी प्रभावित होंगे। अभी प्रदेश विश्वविद्यालय से लगभग 47 तकनीकी शिक्षण संस्थान ऐसे हैं जिन्हें भी तकनीकी विश्वविद्यालय से ही संबद्धता लेनी होगी,
लेकिन जो छात्र वर्तमान में इन तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत हैं उन्हें डिग्रियां देने का अधिकार प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के पास ही रहेगा, लेकिन नए सत्र से प्रवेश लेने वाले छात्रों को डिग्री प्रदान करने का अधिकार तकनीकी विश्वविद्यालय को चला जाएगा।
जानकारों की मानें तो इससे प्रदेश विश्वविद्यालय को इस नई व्यवस्था से फायदा ही होने वाला है। विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त संस्थानों की संख्या इस समय लगभग दो सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है और इनके परीक्षा परिणाम तैयार करने में कई तरह की दिक्कतें भी आ रही है।
परीक्षा शाखा में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या कम होने के कारण परीक्षा परिणाम तैयार करने में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इनके परीक्षा परिणामों की तैयार करने की जिम्मेदारी तकनीकी विश्वविद्यालय के पास चले जाने से शिमला विश्वविद्यालय से लगभग 35 हजार छात्रों का बोझ भी कम हो जाएगा(दैनिक भास्कर,शिमला,31.10.2010)।
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