मध्य प्रदेश में स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देशों को सरल किया गया है। इनके अनुसार शपथ पत्र के आधार पर ही आवेदक को उसी दिन अथवा अधिकतम सात दिन के भीतर निवासी प्रमाण पत्र जारी कर दिये जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आज यहा संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में इन सरलीकृत नियमों के प्रस्तुतिकरण के बाद इनका अनुमोदन किया गया।संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार प्रमाण पत्र जारी करने वाले प्राधिकृत अधिकारी होंगे। स्थानीय निवास प्रमाण पत्र स्थायी होगा और इसका रिकार्ड राजस्व विविध मामले में दर्ज 20 वर्ष के लिए सुरक्षित रखा जाएगा। जारी किए गये स्थानीय निवास प्रमाण पत्र पर आवेदक के पासपोर्ट आकार के फोटो का प्रमाणीकरण होगा। जिस व्यक्ति को यह जारी किया जाएगा उसकी पत्नी एवं उसके नाबालिग बच्चे स्वत: ही मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी होंगे। इसके लिए उन्हें पृथक से स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। निवासी प्रमाण पत्र के प्रारूप में पत्नी एवं बच्चो का विवरण अंकित होगा और प्राधिकृत अधिकारी उन्हें भी मध्यप्रदेश का स्थानीय निवासी प्रमाणित करेगा।
किसी एक परिवार के लिए केवल उसके मुखिया के नाम से जारी स्थानीय प्रमाण पत्र पूरे परिवार के संदर्भ में हमेशा के लिए लागू होगा। परिवार के नाबालिग बच्चों के बालिग होने पर परिवार के मुखिया को जारी स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र की मूल प्रति से सत्यलिपि का सत्यापन कर प्राधिकृत अधिकारी इन बच्चों को स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र बिना किसी जाच के जारी करेंगे।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र किसी व्यक्ति की जाति निर्धारण के लिए जारी किये जाने वाले जाति प्रमाण पत्र की जाच में साक्ष्य के लिए विचारार्थ ग्राह्य नहीं होगा। स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र के लिए प्रस्तुत आवेदन एवं शपथ पत्र सार्वजनिक किया जाएगा। प्रमाण पत्र जारी होने के पश्चात यदि शपथ पत्र असत्य पाया जाता है तो आवेदक के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन/शपथ पत्र एवं स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र तीनों के प्रारूप निर्धारित कर दिये गये हैं(दैनिक जागरण संवाददाता,भोपाल,13.10.2010)।
वाह! अच्छा प्रयास है।
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रयास..प्रक्रियाओं का सरलीकरण आवश्यक हो गया है.
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