गैर-सरकारी सहायता प्राप्त प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन निर्धारण में होने वाले विलंब के लिए विभाग नहीं, बल्कि स्वयं शिक्षक ही जिम्मेवार हैं। यह बात मानव संसाधन विकास विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से जारी पत्र से स्पष्ट होती है। झारखण्ड प्राथमिक शिक्षा के निदेशक डा. डी के सक्सेना ने राज्य के सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि शिक्षकों के वेतन निर्धारण के प्रस्ताव पर प्राथमिक शिक्षा आंतरिक वित्तीय सलाहकार की सहमति से अनुमोदन दिया जाता है। विद्यालयों एवं शिक्षकों से अद्यतन जानकारी उपलब्ध नहीं होने के कारण वेतन निर्धारण में कठिनाई होती है। शिक्षकों और विद्यालयों से संबंधित अद्यतन जानकारी के लिए बार बार पत्राचार भी किया जाता रहा है। श्री सक्सेना ने प्रपत्र जारी कर संबंधित विद्यालयों से अद्यतन प्रतिवेदन जमा करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक ने जिले के सभी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को पत्र जारी कर गैर सरकारी प्राथमिक विद्यालय (अल्पसंख्यक सहित) से प्रतिवेदन यथाशीघ्र जमा कराने का निर्देश दिया है(दैनिक जागरण संवाददाता,गुमला,13.10.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।