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18 नवंबर 2010

मातृभाषाओं की भूमिका पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 25 से रांची में

साहित्य अकादमी, दिल्ली की ओर से रांची विवि के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में समकालीन बदलते भारतीय समाज में मातृभाषाओं की भूमिका पर दो दिवसीय संगोष्ठी 25 से शुरू हो रही है। संगोष्ठी में देश के जाने-माने भाषाविद भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्वाह्न दस बजे सूबे के मुखिया अर्जुन मुंडा करेंगे। मुख्य अतिथि होंगे पद्मश्री रामदयाल मुंडा। पहले दिन का बीज भाषण देंगे लक्ष्मीनदंन बोरा। अध्यक्षीय भाषण मानवेंद्र वंद्योपाध्याय देंगे। फिर शुरू होगा पहला सत्र 12 बजे से। इस सत्र में अनुराधा शंकर, कुमारी बासंती, प्रमोदिनी हांसदा, अनिल कुमार बोड़ो की अध्यक्षता में आलेख पाठ करेंगे। द्वितीय सत्र में हरि उरांव, रोज केरकेट्टा, सत्यवती गिरि, एन खगेंद्र सिंह की अध्यक्षता में आलेख पढ़ेंगे। शुक्रवार 26 नवंबर को जीवन नमदंग की अध्यक्षता में भोगनाथ ओहदार, एस ढाकल, सरस्वती गगराई अपने आलेख प्रस्तुत करेंगे। चौथे व पांचवे सत्र में बीबी नाग, सुनीता कुमारी गुप्ता, वीणा ठाकुर, बीपी पिंगुआ, एचएन सिंह, कृष्णचंद्र टुडू, जदुमणि बेसरा आदि अपने आलेख प्रस्तुत करेंगे। अध्यक्षीय भाषण देंगे गिरिधारी राम गौंझू व समापन भाषण वरीय पत्रकार हरिवंश देंगे(दैनिक जागरण,रांची,18.11.2010)।

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