नर्सरी में 3+ बच्चे को एडमिशन देने के नियम में इस बार कोई बदलाव होने की उम्मीद कम है। शिक्षा निदेशालय ने भी संकेत दिया है कि जल्द शुरू होने वाले नर्सरी एडमिशन प्रोसेस में उम्र के मामले में पिछले साल वाला नियम ही लागू रहेगा और जो बच्चे अगले साल 31 मार्च तक तीन साल के हो जाएंगे , उन बच्चों को नर्सरी में एडमिशन मिल सकेगा। हालांकि राइट टु एजुकेशन एक्ट लागू होने के बाद यह सवाल है कि क्या नर्सरी में भी 4+ के बच्चे को एडमिशन मिले। दिसंबर के फर्स्ट वीक में शिक्षा निदेशालय नर्सरी एडमिशन की गाइड लाइंस जारी कर देगा।
शिक्षा निदेशालय के नियमों के मुताबिक , 31 मार्च को बच्चे की उम्र कम से कम तीन साल होनी चाहिए , तभी उसे नर्सरी में एडमिशन मिलता है। दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट कहता है कि 5 साल की उम्र का बच्चा पहली क्लास में जाता है यानी 3+ बच्चे को नर्सरी में एडमिशन मिल जाता है। हालांकि आरटीई एक्ट में कहा गया है कि पहली क्लास में 6 साल के बच्चे को एडमिशन मिलना चाहिए। स्कूलों ने पूछा है कि आरटीआई के हिसाब से क्या नर्सरी में 4+ वाले बच्चे को एडमिशन मिलेगा। लेकिन निदेशालय सूत्रों का कहना है कि उम्र को लेकर कोई नई गाइड लाइंस जारी नहीं की जाएंगी और पिछले साल के रूल्स ही इस बार भी फॉलो किए जाएंगे।
उधर स्कूलों का कहना है कि अभी उन्हें निदेशालय की ओर से कोई गाइड लाइंस नहीं मिली है , लेकिन ड्रॉ सिस्टम लागू किए जाने के संकेत पर स्कूल सवाल उठा रहे हैं। स्कूलों का कहना है कि पॉइंट सिस्टम साइंटिफिक है और इसे जारी रखा जाना चाहिए। बाल भारती पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल एल . वी . सहगल का कहना है कि स्कूलों में ड्रॉ सिस्टम किस तरह लागू किया जाएगा , इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है। कितनी कैटिगरी होंगी और उनमें किस तरह से बच्चों को शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा , यह सब काफी उलझन पैदा करने वाला है।
स्कूलों का कहना है कि अगर घर से स्कूल की दूरी को इसमें शामिल किया जाता है तो इसके आधार पर कई ड्रॉ निकालने पड़ेंगे। जैसे , देखा जाएगा कि तीन किमी के दायरे में रहने वालों की कितनी ऐप्लीकेशन हैं और उसके बाद की कितनी। इसके आधार पर अलग - अलग ड्रॉ निकालने पड़ सकते हैं। इसी तरह से कुछ स्कूल सरकारी नौकरी वालों को भी अलग से पॉइंट देते हैं। लेकिन इस बार निदेशालय सरकारी नौकरीपेशा वालों की अलग कैटिगरी बनाता है या नहीं , यह भी महत्वपूर्ण होगा। एयरफोर्स बाल भारती स्कूल , लोधी रोड के प्रिंसिपल आनंद स्वरूप का कहना है कि अगर अलग - अलग कैटिगरी बनाने की बात सामने आ रही है , तो निदेशालय कई कैटिगरी का सुझाव दे सकता है। मसलन सरकारी नौकरीपेशा , प्राइवेट सेक्टर , बिजनेस क्लास। वह कहते हैं कि उनके स्कूल में डिफेंस की एक कैटिगरी तो जरूर रहेगी। इसी तरह से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए रिजर्व 25 पर्सेंट सीटों की भी एक कैटिगरी होगी और इस कैटिगरी में अप्लाई करने वाले बच्चों का सिलेक्शन भी ड्रॉ के जरिए होगा(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,26.11.2010)।
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