जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध बीएड कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों का तीन साल में भी परीक्षा परिणाम नहीं निकल सका। इस बात की शिकायत बीएड छात्रों ने कुलसचिव प्रो. आनंद मिश्र से मिलकर की।
बीएड परीक्षा-परिणाम घोषित नहीं किए जाने के कारण लगभग पांच हजार छात्रों का भविष्य अंधकार में है। कुलसचिव ने छात्रों से कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। इसलिए कोर्ट के फैसले के बाद ही परीक्षा-परिणाम घोषित किया जाएगा। तीन साल से बीएड परीक्षा-परिणाम घोषित कराने के लिए जेयू के चक्कर लगा रहे छात्रों का कहना है कि समय से परीक्षा-परिणाम नहीं मिलने के कारण नौकरी के अवसर भी हाथ से निकले जा रहे हैं।
जेयू प्रशासन का कहना है कि ऐसे छात्रों का परीक्षा-परिणाम रोका गया है, जिन्होंने बीएड में बिना काउंसिलिंग के प्रवेश लिया था। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, कोर्ट के निर्देनुसार ही बीएड का परीक्षा-परिणाम के बारे में फैसला लिया जाएगा।
उधर,जीवाजी यूनिवर्सिटी के स्ववित्त पोषित विभागों में वर्षों से तैनात समन्वयक जल्द ही बदले हुए नजर आएंगे। इसके लिए जेयू प्रशासन के निर्देशन मे गठित कमेटी ने समन्यकों पर रोटेशन प्रणाली लागू करने के लिए अध्यादेश तैयार कर लिया है। अब इस अध्यादेश को कार्यपरिषद की बैठक में अनुमोदन मिलना बाकी है।
उल्लेखनीय है कि जेयू के स्ववित्त पोषित विभाग में समन्वयक के पद पर वर्षों से एक ही प्रोफेसर्स जमे हुए हैं। जेयू में अब समन्वयकों पर रोटेशन प्रणाली लागू नहीं होने के कारण अन्य प्रोफेसर्स को मौका नहीं मिल पा रहा था। इसको लेकर अध्ययनशाला के शिक्षकों ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था। इसके बाद कुलपति से विभागाध्यक्षों की तरह समन्यकों पर भी रोटेशन प्रणाली लागू करने की मांग की थी।
उक्त मामले को कार्यपरिषद सदस्यों ने ईसी की बैठक में रखा। इसके उपरांत अध्यादेश तैयार करने के लिए रैक्टर प्रो. जेएन गौतम के निर्देशन में एक कमेटी गठित कर दी गई। कमेटी ने लगभग 20 दिन पहले अध्यादेश तैयार कर कुलपति को सौंप दिया है। जेयू प्रशासन का कहना है कि अब इस अध्यादेश को आने वाली कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। कार्यपरिषद द्वारा अध्यादेश को अनुमोदित किए जाने के बाद समन्वयकों पर रोटेशन प्रणाली लागू कर दी जाएगी।
इनका कहना है: समन्यकों पर रोटेशन प्रणाली लागू करने के लिए अध्यादेश तैयार कर कुलपति को सौंप दिया है। अब इसे कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। अध्यादेश को उच्च शिक्षा विभाग के नियमानुसार ही तैयार किया गया है।
प्रो. जेएन गौतम, रैक्टर, जेयू(राम महाजन,दैनिक भास्कर,ग्वालियर,29.11.2010)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।