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09 नवंबर 2010

झारखंड में 70 हजार लोगों को नौकरी

झारखंड में प्रशासन को पटरी पर लाने के लिए शीघ्र ही विभिन्न विभागों में 70 हजार नई नियुक्तियां की जाएंगी। झारखंड सरकार के मुख्य सचिव डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि राज्य के गठन से लेकर अब तक यहां नए सरकारी कर्मचारियों और भर्ती के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं बन सकी थी। इसलिए पिछले दस वषों में राज्य में सुचारू रूप से सरकार चलाने के लिए सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों का टोटा ही पड़ गया।

सिंह ने कहा कि जब कर्मचारी ही नहीं होंगें तो आखिर विभिन्न सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन कौन करेगा। इस कमी को दूर करने के लिए झारखंड में विभिन्न विभागों में एक साथ लगभग 70 हजार अधिकारियों तथा कर्मचारियों की शीघ्र नियुक्ति की जाएगी। डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग में ही बीस हजार सिपाहियों एवं मध्यक्रम के अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। जबकि विभिन्न स्तरों पर लगभग 20 हजार अध्यापकों की भर्ती की जाएगी। राज्य पुलिस बल में सिपाहियों एवं अधिकारियों की कमी के चलते नक्सल विरोधी अभियान में भी कठिनाई आती है, जिसे फिलहाल केन्द्रीय बलों की सहायता से दूर किया जाता है। अध्यापकों की कमी के चलते विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रों की शिक्षा का कार्य उचित ढंग से नहीं किया जा सका है।

विभिन्न सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी कठिनाई उठानी पड़ती है। राज्य में विभिन्न मंत्रालयों में कुल 30 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी एवं गजटेड अधिकारियों की कमी है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा संवर्ग में भी अधिकारियों की कमी है। इस कमी को दूर करने के लिए अर्जुन मुंडा सरकार एक साथ ३क् हजार से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों की एक मुश्त भर्ती की योजना बना रही है। राज्य के विवि में लेक्चरर, रीडर एवं प्रोफेसर के भी कुल 700 से अधिक पद रिक्त हैं। कर्मचारियों की कमी दूर करने की दिशा में राज्य सरकार शीघ्र ही कदम उठाएगी(दैनिक भास्कर,रांची,8.11.2010)।

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