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20 नवंबर 2010

झारखंडःनॉर्म्स की अनदेखी कर खुले 97 आईटीआई

कायदे-कानून की अनदेखी कर राज्य भर में लगभग 97 इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट व इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग सेंटर (आईटीआई व आइटीसी) खुल गये हैं. श्रम नियोजन व प्रशिक्षण विभाग में बैठे कतिपय अधिकारियों की सहायता व समर्थन से ऐसा हुआ है. विभाग में संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी के सगे संबंधी भी पांच से अधिक आइटीआइ संचालित कर रहे हैं. इनमें से एक चुटिया में है.

दुकाननुमा इन तकनीकी संस्थानों को अप्रूवल देने के लिए तय रकम 10 हजार के बदले लाख रुपये तक वसूलने की परंपरा रही है. इन 97 निजी आइटीआइ में डायरेक्टोरेट जेनरल ऑफ इंप्लॉयमेंट एंड ट्रेनिंग (डीजीइटी) के नियमों को धत्ता बताते हुए विभिन्न ट्रेड में 35 हजार से अधिक सीटों का प्रावधान कर दिया गया है.

साधारण परिवारवाले विद्यार्थी, जो उच्च शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर सकते, उनके लिए यह संस्थान वरदान हो सकते हैं, लेकिन पठन-पाठन संबंधी जरूरी संरचना व सुविधाओं के अभाव से विद्यार्थी अपेक्षित रूप से पारंगत नहीं हो रहे. यह संस्थान दसवीं के बाद निजी संस्थानों के विभिन्न ट्रेड में दो वर्षीय कोर्स पर औसतन 35 हजार रुपये फीस वसूलते हैं.

उपलब्ध मुख्य ट्रेड : इलेक्रिटशियन, फीटर, इलेक्ट्रॉनिक्स मेकेनिक, रेडियो एंड टीवी, ड्राफ्टसमैन सिविल, ड्राफ्टसमैन मैकेनिक, मैकेनिक डीजल, वेल्डर, मशीनिस्ट, टर्नर, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, सर्वेयर, प्लंबर, वायरमैन, मैकेनिक मोटर ह्वेकिल, मैकेनिक कंप्यूटर हार्डवेयर, मेकेनिक इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स(संजय,प्रभात खबर,रांची,18.11.2010)

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