सरकारी स्कूलों में प्रयोगधर्मिता की प्रक्रिया में एक बार फिर बच्चों के साथ मजाक हो चला है। इस बार 9वीं के विद्यार्थियों के लिए परेशानी खडी हो गई है। बच्चे पहले ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं और अब उनकी 'आपदा प्रबंधन' की पाठयपुस्तक अधूरी निकली है। पाठयक्रम सात अध्याय का है और पुस्तक में पांच ही अध्याय ही हैं।
दरअसल, यह चूक एनसीईआरटी पाठयक्रम लागू करने की जल्दबाजी का नतीजा है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 9वीं कक्षा में एनसीईआरटी की पाठयक्रम तो लागू कर दिया, लेकिन उसके अनुसार पाठयपुस्तक प्रकाशित कराने में ध्यान नहीं रखा और बोर्ड की प्रकाशित पुस्तकों में दो अध्याय ही गायब हो गए।
बोर्ड द्वारा स्कूलों में नि:शुल्क बांटी गई 25 हजार पुस्तकों में भी पांच ही अध्याय हैं। ऎसे में अब बच्चे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि दो अध्याय उन्हें कहां से उपलब्ध होंगे।
निजी प्रकाशकों की पुस्तक महंगी
-एनसीईआरटी के पाठयक्रम के अनुसार निजी प्रकाशकों की पुस्तक बाजार में उपलब्ध है जिसमें सात अध्याय हैं, लेकिन इसकी कीमत 50 रूपए है। जबकि, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की पुस्तक 15 रूपए की है।
वार्षिक परीक्षा में 7 अध्याय
-हाल ही बोर्ड द्वारा जारी समान परीक्षा पाठयक्रम में दर्शाया गया है कि 'आपदा प्रबंधन' अर्द्धवार्षिक परीक्षा में पांच अध्याय आएंगे और तृतीय परख में छठा और सातवां अध्याय आएगा। वार्षिक परीक्षा में सातों अध्याय आएंगे।
कहते हैं ये
-हमें बोर्ड से जो पाठयक्रम मिला है उसी को आगे बढाया गया है। पाठयपुस्तक में अध्याय कम हैं, इसकी जानकारी नहीं है-धर्मचंद नागौरी, अध्यक्ष, समान परीक्षा, उदयपुर(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,14.11.2010)
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