जेएनयू प्रशासन ने पर्सियन लैंग्वेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा भेदभाव बरतने के आरोप में भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों के सामने अलग से परीक्षा देने का प्रस्ताव रखा है। हालांकि, छात्र इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं हैं। उनका कहना है कि इससे उनका एक वर्ष का समय बर्बाद होगा। उन्होंने मांग की है कि उनकी कापी अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षक से जांच करवाई जाए।ज्ञात हो कि जेएनयू के स्कूल ऑफ लैंग्वेज में पर्सियन भाषा की पढ़ाई होती है। आरोप है कि वहां के एक एसोसिएट प्रोफेसर ने एक संप्रदाय विशेष से होने के कारण सात छात्रों को फैल कर दिया। इसके विरोध में परिसर में बुधवार की रात से छह छात्र भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इस संबंध में मीडिया में आई खबरों के बाद जेएनयू प्रशासन ने शुक्रवार को छात्रों के सामने अलग से परीक्षा का प्रस्ताव रखा(दैनिक जागरण संवाददाता,दिल्ली,26.11.2010)।
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