बात फीस की हो या फिर छात्रों के लिए उपलब्ध सीटों की, अब इन तमाम जानकारियों को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से छुपा पाना मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए मुमकिन नहीं रह गया है।
केन्द्रीय सूचना आयोग के आदेशों के तहत सीबीएसई ने देशभर के ऐसे स्कूलों को कड़े निर्देश जारी कर वेबसाइट तैयार करने और अहम जानकारियों के साथ उसे अपडेट करने का फरमान सुनाया है, यानी अब स्कूलों से जुड़ी हर जरूरी जानकारी महज एक क्लिक से हासिल की जा सकेगी।
बोर्ड चेयरमैन विनीत जोशी की ओर से सभी स्कूलों को जारी आदेशों के पालन के लिए छह माह की मोहलत दी गई है। बोर्ड चेयरमैन के मुताबिक केन्द्रीय सूचना आयोग की ओर से कहा गया है कि स्कूलों को योजनागत अथवा उपलब्ध सुविधाओं से जुड़ी सभी जानकारियों को वेबसाइट पर उपलब्ध कराना होगा।
अगर कोई जानकारी अधूरी है तो यह भी स्पष्ट करना होगा कि इसका क्या कारण है और उसका निवारण कब तक कर लिया जाएगा।
सीबीएसई के इस आदेश के तहत प्रिंसिपल व प्रबंधक को अधिकतम छह माह के समय के साथ लिखित तौर पर मान्यता से जुड़ीं वह सभी जानकारियां उपलब्ध करा दी गई हैं, जिन्हें वेबसाइट पर दर्शाना अनिवार्य किया गया है।
इसमें फीस से लेकर स्कूल में उपलब्ध सीटों का ब्यौरा, दाखिला प्रक्रिया व उसके लिए निर्धारित नियम, उपलब्ध संसाधन, शिक्षकों व कर्मचारियों की सख्या और उनके लिए अपनाई जा रही सेवा शर्तां जैसी जानकारियों को शामिल किया गया है।
सूचना आयोग की सख्ती के बाद अंजाम दी जा रही इस कवायद के तहत अब स्कूल की आमदनी और खर्च का अक्सर छुपाया जाने वाला ब्यौरा भी सार्वजानिक करना होगा है। स्पष्ट है कि इस कवायद के बाद स्कूलों की मोटी कमाई किसी से छुपी नहीं रहने वाली है।
शिक्षा के स्तर पर आयोग के इस प्रयास से पता चलता है कि वह पारदर्शिता को कड़ाई के साथ लागू करना चाह रहा है। यह तो समय बताएगा कि स्कूल इस दिशा में कितना आगे बढ़ पाते हैं(दैनिक भास्कर,दिल्ली,27.11.2010)।
बहुत अच्छी खबर। आभार।
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