नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में २००६ से पहले कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की सिफारिश की गई है। परिषद की बैठक में इस बात को लेकर एनडीएमसी सदस्य करण सिंह तंवर ने नाराजगी जताई। उन्होंने अबतक रखे जा चुके सभी अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने की मांग की।
एनडीएमसी में हजारों कर्मचारी कई सालों से अस्थाई रूप से कार्यरत हैं। कई कर्मचारी तो ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी सारी उम्र गुजार दी, लेकिन स्थाई न हो सके। ये कर्मचारी खुद को स्थाई करने की मांग लंबे समय से कर हैं। इन्हें स्थाई करने के लिए एनडीएमसी सदस्या करण सिंह तंवर के दवाब के बाद परिषद मुकेश भट्ट की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी। श्री भट्ट द्वारा तय समय पर रिपोर्ट न दिए जाने की वजह से इस कमेटी की समय-सीमा कई बार बढ़ाई गई। अब इस कमेटी ने जो रिपोर्ट दिया है, उसे लेकर बवाल मचा हुआ है। बुधवार को हुई परिषद की बैठक में श्री तंवर ने कहा कि परिषद में कर्मचारियों की कमी है, जिसकी पूर्ति के लिए नए सिरे से बहाली करने के बजाय अस्थाई कर्मचारियों को ही स्थाई कर दिया जाए। लेकिन बाद रिपोर्ट को औपचारिक मानकर समीक्षा के लिए आगे बढ़ा दिया गया।
गौरतलब है कि अस्थाई कर्मचारी परिषद के स्थाई कर्मचारियों की तरह ही सारा काम करते हैं। लेकिन इन्हें न सिर्फ कम वेतन दिया जाता है, बल्कि कोई सुविधा भी नहीं दी जाती है(नई दुनिया,दिल्ली,25.11.2010)
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