पीईटी, एमईटी सहित प्रदेश की तमाम प्रवेश परीक्षाओं के केंद्र इस बार पड़ोसी राज्यों में भी बड़ी संख्या में बनाए जाएंगे। ताकि प्रदेश के तकनीकी कालेजों में अन्य राज्यों के विद्यार्थी अधिक से अधिक संख्या में प्रवेश ले सकें। राज्य शासन ने इस संबंध में व्यावसायिक परीक्षा मंडल को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। जानकारी के अनुसार पिछले सत्र में अन्य राज्यों के करीब 3000 छात्र-छात्राओं ने प्रवेश लिया था। जबकि इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर 18 हजार हो गया है। तकनीकी शिक्षा विभाग ने सत्र 2011-12 में यह संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसके मद्देनजर महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित सभी पड़ोसी राज्यों में प्रदेश की प्रवेश परीक्षाओं के सेंटर्स की संख्या बढ़ाए जाएंगे। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए शासन द्वारा व्यापमं को पड़ोसी राज्यों के सभी प्रमुख शहरों में परीक्षा केंद्र बनाने कहा है। पिछले साल की तुलना में यह संख्या दोगुनी से भी अधिक हो सकती है। बताया जाता है कि राज्य शासन पिछले साल ही अन्य राज्यों के केंद्रों की संख्या बढ़ाने के पक्ष में था, लेकिन परीक्षा के कुछ दिन पहले ही इस संबंध में निर्देश मिलने पर व्यापमं ने हाथ खड़े कर दिए थे। इसे देखते हुए शासन ने इस बार अभी से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश की तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से इस बार पीईटी व एमईटी भी जल्दी कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बताया जाता है कि शासन द्वारा अप्रैल में ही पीईटी कराने पर जोर दिया जा रहा है। व्यापमं ने भी इस संबंध में कवायद तेज कर दी है। शासन ने इस बात को गंभीरता से लिया है कि प्रवेश परीक्षाएं देरी से होने के कारण प्रदेश के विद्यार्थी भी अन्य राज्यों में प्रवेश ले लेते हैं(दैनिक जागरण,भोपाल,16.11.2010)।
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