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29 नवंबर 2010

भोपाल में नहीं खुल पाया जासूसी स्कूल

पुलिस को खुफिया सूचनाएं एकत्रित करने के लिए राजधानी भोपाल में खोले जाने वाले जासूसी स्कूल को लेकर देरी हो रही है। इस योजना के तहत सिपाही से लेकर एएसपी स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की गई थी। देश में आतंकवाद और नक्सली गतिविधियां बढ़ी हैं। घटनाओं की चुनौतियों से पार पाने और आवश्यक खुफिया सूचनाएं एकत्रित करने के लिए राज्य पुलिस बल को प्रशिक्षित करने की योजना है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार जासूसी सिखाने के लिए देश में चार स्कूल खोलने जा रही है। योजना के मुताबिक ये चार स्कूल भोपाल, तिरुअनंतपुरम, लखनऊ तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में खोले जाने की योजना थी। स्कूलों के जरिए विशेष शाखा के पुलिसकर्मियों को खुफिया सूचनाएं एकत्रित करने, उनका विश्लेषण करने की कला में पारंगत किया जाना था। इन केंद्रों में सिपाही से लेकर एएसपी स्तर तक के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। मध्यप्रदेश के अलावा आसपास के राज्यों के पुलिस अमले को भी इन केंद्रों में प्रशिक्षित किए जाने की तैयारी है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार इन संस्थानों में दिए जाने वाले प्रशिक्षण में पुलिस कर्मियों को यह सिखाया जाएगा कि किस तरह आम आदमी से मेलजोल बढ़ाया जाए, उनसे दोस्ती गांठी जाए, उनसे भेद लेने के लिए उनमें विश्वास बढ़ाया जाए तथा समय आने पर उपयोग के लिए प्राप्त सूचनाओं का विश्लेषण किस तरह किया जाए। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले पुलिस कर्मियों को आंतरिक सुरक्षा की अवधारणा तथा अपने राजनीतिक ज्ञान को विकसित करने में भी मदद दी जाएगी।उन्हें यह भी सिखाया जाएगा कि यदि कुछ लोगों में नक्सलवाद को लेकर कोई गलत धारणा है, तो उसे कैसे दूर किया जाए। स्थापित किए जाने वाले इन केंद्रों में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी तथा प्रशिक्षण देने के लिए इंटेलीजेंस ब्यूरो एवं रीसर्च तथा एनेलिसिस विंग के संकाय सदस्यों की सेवाएं ली जाएंगी। राज्य सरकार को केंद्र का आदेश मिले हुए लगभग एक साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन अब तक सिर्फ जमीन की खोज पूरी हुई है। काम शुरू होने में अभी वक्त लग सकता है(दैनिक जागरण,भोपाल,28.11.2010)।

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