शिक्षकों की भर्ती के लिए अब हरियाणा में सभी उम्मीदवारों को स्टेट टीचर एलीजिबिलटी टेस्ट (स्टेट) से गुजरना होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को गेस्ट टीचरों की तरफ से दाखिल उस याचिका को खारिज कर दिया जिसके तहत उन्हें स्टेट परीक्षा से छूट दिए जाने की मांग की गई थी।
जस्टिस एमएम कुमार व जस्टिस एएन जिंदल की खंडपीठ ने इस संबंध में दाखिल दस याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि वह याचियों की इस दलील से सहमत नहीं हैं कि वर्ष 2002 से पढ़ा रहे गेस्ट टीचर्स को पहली बार आवेदन करने वाले शिक्षकों से अलग श्रेणी में रखा जाए।
खंडपीठ ने कहा कि जब गेस्ट टीचरों की नियुक्ति की गई थी तो उन्हें पहले ही जानकारी दे दी गई थी कि भविष्य में उन्हें नियमित करने की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में ये नियुक्तियां एक निर्धारित समय के लिए हैं। अदालत ने याचियों की उस दलील पर भी आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने कहा कि पात्रता परीक्षा का स्तर ज्यादा होने के चलते शिक्षकों की उपयुक्तसंख्या में भर्ती नहीं हो पा रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि नीतिगत योजना तैयार करना राज्य सरकार का काम है। परीक्षा को लेकर किए गए नीतिगत संशोधन सही हैं।
हरियाणा शिक्षा विभाग में कार्यरत गेस्ट टीचरों की तरफ से याचिका दायर कर हरियाणा सरकार द्वारा 24 जुलाई 2008 को जारी अधिसूचना में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है। इसके तहत शिक्षकों की भर्ती के लिए स्टेट परीक्षा को अनिवार्य किया गया है। याचिका में मांग की गई थी कि 13 अगस्त 2009 के विज्ञापन के तहत शिक्षकों की भर्ती में उनके जैसे गेस्ट टीचर्स को पात्रता परीक्षा से छूट दी जाए। अदालत ने याचियों की दलीलों से असहमति जताते हुए याचिका खारिज कर दी(दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,30.11.2010)।
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