काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत प्रदेश की सभी युनिवर्सिटी में छात्रसंघ की बहाली को लेकर लंका स्थित सिंहद्वार पर सभा के बाद बीएचयू मार्च की तैयारी कर रहे डेढ़ दर्जन से अधिक छात्रनेता व कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गुरुवार की शाम को गिरफ्तार कर लिया।
छात्र युवा संघर्ष समिति के बैनर तले हुई सभा में वक्ताओं ने विश्व विद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव न कराए जाने के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार को दोषी ठहराया। उन्होंने छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित करने की मांग की। कहा कि इस संघर्ष को प्रदेशव्यापी रूप दिया जा चुका है। इलाहाबाद में शीघ्र ही एक प्रदेशस्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा। सभा के बाद छात्रनेता व कार्यकर्ता बीएचयू छात्रसंघ मार्च करने की तैयारी कर रहे थे कि तभी लंका थाना प्रमुख मोहन वर्मा व उनके सहयोगियों ने उन्हें घेर लिया। सभी मार्च की जिद पर अड़े रहे। इस पर पुलिस ने भुवनेश्वर द्विवेदी, बीएचयू छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री उमेश सिंह, पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद शुक्ला, आनंद विजय (पूर्व अध्यक्ष यूपी कालेज), निशांत बोल्डर (पूर्व महामंत्री यूपी कालेज), राकेश मिश्रा, शैलेंद्र कवि, आनंदेश्वर सिंह, काशी विद्यापीठ के पूर्व महामंत्री नीरज सिंह समेत डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया। बाद में सभी को थाने से ही निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। गिरफ्तारी की रमेश उपाध्याय, अतुल मिश्रा, हरिश्चंद्र पांडेय, नवीन जोशी ने निंदा की है(दैनिक जागरण संवाददाता,वाराणसी,18.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।