प्रदेश के सिपाही ग्रेड-पे बढ़ने के बाद भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। वे वेतन में प्रतीकात्मक बढ़ोतरी से खफा हैं और चाहते हैं कि उन्हें प्राथमिक शिक्षकों के बराबर नहीं तो कु छ कम वेतनमान जरूर मिले। सिपाहियों में 24 साल की नौकरी पूरी होने पर दारोगा का वेतनमान न मिलने से भी सिपाही नाराज हैं। नतीजतन, अब अदालत की शरण में जाने की तैयारी है। वैसे मौजूदा बढ़ोतरी के तहत न्यूनतम वेतन पाने वाले सिपाही के वेतन में 100 रुपये ग्रेड पे बढ़ने से 730 रु पये और हेड-कांस्टेबिल व एएसआई (एम) को 1450 रुपये प्रतिमाह का लाभ होगा। मुख्यमंत्री ने रविवार को इसकी घोषणा की थी।
शुरुआत में दरअसल प्राइमरी शिक्षकों का वेतनमान रुपये 365 था, जबकि सिपाहियों का वेतनमान उनसे एक रु पये क म यानी 364 रखा गया। द्वितीय वेतन आयोग में सिपाही का वेतन 950 हो गया, पर शिक्षकों का 1050 रुपये वेतन निर्धारित हुआ। पांचवे वेतन आयोग ने सिपाही 3050 रुपये और शिक्षक 3200 रुपये वेतनमान में रखा। छठे वेतन आयोग में सिपाहियों को 7500 रुपये पर शिक्षकों को 9300 वेतनमान में रखा गया। उन्हें 24 साल की नौकरी पूरी करने पर एसआई का वेतनमान 9300 मिल जाता था, पर छठे वेतन आयोग में अब यह भी नहीं मिल रहा। इसे लेकर पीएसी की 35 वीं वाहिनी के कु छ सिपाही अदालत की शरण में है। अब प्रदेश के सिपाही इस अंतर को कम करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्राइमरी शिक्षक से सिपाही कम मेहनत नहीं करते। उन्हें 10 से 16 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ती है। इसलिए सिपाहियों को अगर शिक्षक के बराबर नहीं दिया सकता है तो उन्हें कम से कम अंतर का वेतन मिलना चाहिए। नतीजतन, अब सिविल पुलिस के सिपाही भी कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।
फायदा
■ न्यूनतम वेतनमान-रुपये 7730 ग्रेड पे में 100 रुपये बढ़ने पर अब 8460 यानी 730 रुपये प्रतिमाह वृद्धि। इस पर 35 प्रतिशत महंगाई भत्ता व अन्य भत्ते मिलेंगे।
■ न्यूनतम वेतनमान वाले मुख्य आरक्षी को रुपये 8460 के स्थान पर अब 9910 मिलेंगे यानी 1450 रुपये की वृद्धि हुई है। इस पर 35 प्रतिशत महंगाई भत्ता व अन्य भत्ते मिलेंगे।
■ एएसआई (एम) को 9910 वेतनमान के स्थान पर अब 11360 रु पए यानी 1450 रु पए वृद्धि होगी। इस पर 35 प्रतिशत महंगाई भत्ता व अन्य भत्ते मिलेंगे(हिंदुस्तान,लखनऊ,30.11.2010)।
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