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07 नवंबर 2010

नर्सरी में दाखिला मामूली बदलाव के साथ। प्वाइंट सिस्टम बरकरार

राजधानी दिल्ली में नर्सरी दाखिले की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। दिसंबर के पहले हफ्ते से शुरू होने वाले नर्सरी दाखिले के लिए स्कूलों ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। शिक्षा निदेशालय ने भी इसके लिए जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देश के लिए बैठक करनी शुरू कर दी है। इस सत्र में पहली बार शिक्षा के अधिकार बिल से भी दाखिला होगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय अलग से सभी स्कूलों को दिशा-निर्देश जारी करेगा। इसमें 25 फीसदी गरीब बच्चों का दाखिला होना है। बच्चों का चयन लॉट्ररी से किया जाएगा। अन्य बच्चों का दाखिला हर साल की तरह प्वाइंट सिस्टम से होगा। राजधानी के छोटे-बड़े करीब दो हजार पब्लिक स्कूलों में 1 दिसंबर से नर्सरी दाखिले की हलचल तेज हो जाएगी। अभिभावकों के लिए इस साल भी एक बड़ी समस्या प्वाइंट सिस्टम की रहेगी। अभिभावक स्कूल में जब फार्म खरीदने आएंगे, तभी उन्हें दाखिला के अलावा प्वाइंट सिस्टम के बारे में न केवल जानकारी दी जाएगी बल्कि उनके मन के अंदर उठ रही जिज्ञासाओं को भी शांत किया जाएगा। इसके लिए स्कूल काउंसलर भी रखेंगे। एक आंकड़े के मुताबिक करीब चार लाख अभिभावक दाखिला प्रक्रिया में भाग लेते हैं। आधे लोगों को निराशा ही हाथ लगती है क्योंकि नजदीक में अच्छा स्कूल न होने के कारण सभी लोग अच्छे स्कूल के लिए दूर भागते हैं, लेकिन प्वाइंट सिस्टम का खेल उनके बच्चे का नर्सरी दाखिला अभियान पर पानी फेर देता है। दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष आर.सी. जैन का कहना है कि नर्सरी दाखिला में इस बार शिक्षा के अधिकार बिल के तहत गरीब बच्चों का दाखिला लॉट्ररी से किया जाएगा।इसी साल संसद में पास शिक्षा के अधिकार बिल के तहत स्कूलों को 25 फीसदी सीट पर गरीब और जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाना है। दाखिला दिसंबर के पहले हफ्ते से शुरू कर दिया जाएगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,7.11.2010)।

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