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05 नवंबर 2010

लखनऊःसमय से परीक्षा एक बड़ी चुनौती

लखनऊ विश्वविद्यालय का शैक्षिक सत्र एक बार फिर गड़बड़ाने लगा है। कार्यपरिषद से तय शैक्षिक कैलेण्डर पर अमल न होने से मार्च 2011 में वाषिर्क परीक्षाएं कराना मुमकिन न होगा। स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि स्क्रूटनी के लिए दो हजार छात्र विश्वविद्यालय की ओर टकटकी लगाये है और अभी तक बैक पेपर परीक्षा का कार्यक्रम भी नहीं आ सका है। मुख्य परीक्षाओं के फार्म भी नहीं छप सके है और इसकी नवम्बर में उम्मीद भी नहीं दिख रही है। विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग 27 नवम्बर को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारियों में जुटा है, जबकि प्रशासन अभी तक दीक्षांत समारोह के परास्नातक स्तर पर करने या फिर स्नातक छात्रों को भी शामिल करने को लेकर उधेड़बुन में है। विश्वविद्यालय के शैक्षिक कैलेण्डर के मुबातिक सितम्बर में स्क्रूटनी की प्रक्रिया होकर इसी महीने के अंत तक पूरी करनी थी, लेकिन अभी तक स्क्रूटनी के लिए परीक्षा विभाग एक नोडल अधिकारी भी नहीं नामित कर पाया है। विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालयों तक के करीब 2000 से ज्यादा हर रोज रिजल्ट जानने के लिए लिये भटक रहे है। इनमें कई छात्र अगली कक्षाओं में जाने की उम्मीद से पढ़ाई कर रहे है। अक्टूबर महीने में बैक पेपर की परीक्षाएं होनी थी, लेकिन इसकी अभी प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पायी है। बैक पेपर परीक्षाएं होने में 15 दिनों से कम नहीं लगेगा। बैक पेपर परीक्षा कार्यक्रम निबटने के बाद से मुख्य परीक्षाओं के हलचल शुरू हो जाती है। स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि मुख्य परीक्षाओं के परीक्षाफार्म अभी तक नहीं छपे है। इन फार्मो को महाविद्यालयों भेजने और फिर छात्रों को जमा करने में एक महीने से ज्यादा का समय गुजर जाता है। इसके बाद परीक्षा विभाग की गोपनीय प्रक्रिया शुरू होती है। विश्वविद्यालय में नवम्बर में दीवाली का अवकाश और फिर बीएड की काउंसलिंग नवम्बर तक चलेगी। इसी बीच 21 नवम्बर से 27 नवम्बर के बीच विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह का आगाज होगा और लविवि अपना स्थापना दिवस भी मना रहा है। ऐसे में पूरा नवम्बर समारोहों की भेंट चढ़ जाएगा। परीक्षा विभाग के अधिकारी वाषिर्क परीक्षाओं या फिर बैक पेपर परीक्षाएं कराने की तैयारी में जुटने के बजाय दीक्षांत समारोह में डिग्री बनाने से लेकर मेडल तय कराने की कवायद में जुटे है। ऐसे में मार्च में परीक्षाएं होना दूर की बात है। पूरी प्रक्रिया ही दो महीने से ज्यादा विलम्ब से चल रही है। लखनऊ विश्वद्यिालयअधिकारियों ने शैक्षिक सत्र को नियमित करने की कोशिश में स्नातक व परास्नातक के बड़े कोर्स का रिजल्ट तो जून-जुलाई में घोषित कर दिया, लेकिन कई विषयों के रिजल्ट अभी तक घोषित हो रहे है। इसी वजह से स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है। लविवि के शैक्षिक सत्र के पटरी से उतरने के सवाल पर परीक्षा नियंत्रक ने सधा जवाब दिया कि सभी कुछ समय से हो जाएगा, लेकिन बैक पेपर परीक्षा तय समय से न होने, वाषिर्क परीक्षा के फार्म न छपने व स्क्रूटनी की प्रक्रिया अटकी होने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली और इसे दीक्षांत समारोह के बाद देखने की बात कही। ऐसे में एक बार शासन के सत्र नियमितीकरण के दावे को लविवि में ही झुठलाया जा सकता है(कमल तिवारी,राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,5.11.2010)।

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