हरियाणा के मंडी बोर्ड कर्मचारियों का बुधवार को शुरू किया आंदोलन बृहस्पतिवार को बोर्ड अधिकारियों की ओर से एक्सग्रेशिया बोनस दिए जाने का परिपत्र आने के साथ ही समाप्त हो गया। मंडी बोर्ड कर्मचारी यूनियन हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष रमेश लौरा व महासचिव आजाद सिंह मलिक और सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष धर्मबीर फौगाट व महासचिव सुभाष लांबा ने इसे कर्मचारियों की एकता व संघर्ष की जीत बताया है। साथ ही इन्होंने कार्यकारी अभियंता व इससे ऊपर के अधिकारियों व वर्कचार्ज आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित करने व बोनस की गणना करने के लिए मंहगाई भत्ते को न जोड़ने के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए सरकार से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। प्रदेशाध्यक्ष रमेश लौरा व महासचिव आजाद सिंह मलिक ने बताया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार दूसरे, तीसरे व चौथे दर्जे के अधिकारियों व कर्मचारियों को मूल वेतन व ग्रेड पे के 15 प्रतिशत के बराबर बोनस दिया जाएगा, लेकिन इसकी अधिकतम सीमा 40000 रुपये से अधिक नहीं होगी। कार्यकारी अभियंताओं व वर्कचाज आधार पर कार्यरत कर्मचारियों को इस लाभ से वंचित रखा गया है। साथ ही मूल वेतन व ग्रेड पे के साथ डीए को इसमें न जोड़ने का निर्णय लिया गया है(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,5.11.2010)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।