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18 नवंबर 2010

राजस्थान समाचार

द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा तिथि बदली
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के तहत कई विषयों की तिथि घोषित कर दी गई है। आयोग की ओर से पूर्व में घोषित परीक्षाओं की तिथि भी बदल दी गई है। आयोग ने 23 व 24 दिसम्बर को शिक्षक सम्मेलनों के कारण तिथियां परिवर्तित की हैं।

सचिव के.के. पाठक ने बताया कि 19 दिसम्बर को उर्दू, 20 को गणित व सिंधी, 21 को संस्कृत तथा 22 दिसम्बर को हिंदी विषय की परीक्षा होगी। परीक्षाएं सुबह 10 से 12 तथा दोपहर 2 से 4.30 बजे तक होंगी। पहली पारी में सामान्य ज्ञान एवं दूसरी पारी में विषय की परीक्षा होगी।
उर्दू, गणित, सिंधी व संस्कृत विषयों में कम अभ्यर्थी होने के कारण इनकी परीक्षा संभाग मुख्यालयों पर होगी। हिंदी में ज्यादा परीक्षार्थी होने के कारण परीक्षा जिला स्तर पर कराई जाएगी। आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। शीघ्र ही प्रवेश पत्र भिजवाए जाएंगे।

अलग-अलग होगी सामान्य ज्ञान परीक्षा
लोक सेवा आयोग ने सामान्य ज्ञान परीक्षा को लेकर भी असमंजस दूर कर दिया है। पहले सामान्य ज्ञान परीक्षा एक ही बार में कराने पर विचार हो रहा था। लेकिन अब हर विषय की परीक्षा के साथ सामान्य की परीक्षा अलग होगी।

माध्यमिक बोर्ड में आवेदन 30 तक
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सैकंडरी व सीनियर सैकंडरी परीक्षा 2011 में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों के पास आखिरी मौका है। बोर्ड ने 30 नवम्बर तक आवेदन आमंत्रित किए हैैं। बोर्ड के अनुसार ऎसे विद्यार्थी जो परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं। वे स्वयंपाठी के रूप में आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें एक हजार रूपए असाधारण विलंब शुल्क तथा परीक्षा शुल्क सहित आवेदन करना होगा।

सैकंडरी विशेष पूरक परीक्षा 25 से
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सैकंडरी की विशेष पूरक परीक्षा 25 से 27 नवम्बर तक आयोजित की जाएगी। बोर्ड ने इसकी तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा के लिए पात्र विद्यार्थियों का चयन कर लिया गया है। प्रदेश में सैकंडरी के करीब डेढ़ सौ विद्यार्थी पूरक परीक्षा में शामिल होंगे। परीक्षा अजमेर में होगी।
(उक्त तीनों ख़बरें राजस्थान पत्रिका,अजमेर,18.11.2010 से)


महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालयःलेटलतीफ चार गुना फीस देने को तैयार
महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की बी.ए. प्रथम वर्ष की परीक्षा के फार्म तीन गुना फीस के साथ जमा कराने की अंतिम तिथि निकल गई है। अब भी बड़ी संख्या में विद्यार्थी फार्म जमा कराने से वंचित रह गए हैं। ऎसे विद्यार्थी चार गुना फीस के साथ फार्म जमा कराने को भी तैयार है। इसके लिए उन्होंने कुलपति से अनुरोध भी किया है, लेकिन इस पर अभी निर्णय नहीं हो सका है। तीन गुना फीस के साथ फार्म जमा कराने की अंतिम तिथि 15 नवम्बर थी।

इसके अलावा बी.एससी., बी.कॉम., एल.एल.बी., बी.सी.ए. प्रथम वर्ष, एम.ए. (पूर्वार्द्ध) परीक्षा के फार्म तीन गुना फीस के जमा कराने की अंतिम तिथि 23 नवम्बर है। इसके बाद आने वाले फार्म विश्वविद्यालय स्वीकार नहीं करेगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. कान्ति कुमार कोचर ने बताया कि बी.ए. प्रथम वर्ष परीक्षा के फार्म जमा कराने से कई विद्यार्थी वंचित रह गए हैं। वे चार गुना फीस के साथ फार्म जमा कराना चाह रहे हैं। उनकी मांग से कुलपति को अवगत करा दिया गया है। फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं हो सका है।

विश्वविद्यालय के पास इस वर्ष पुनर्मूल्यांकन के लिए लगभग 25 हजार आवेदन आए थे। इनमें से अधिकांश के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। करीब पांच हजार पुनर्मूल्यांकन के मामले अब भी लम्बित हैं। परीक्षा नियंत्रक के अनुसार यह नतीजे दिसम्बर के प्रथम पखवाड़े तक जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हाल में जिन पूरक परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए गए, उनमें से अधिकांश की अंकतालिकाएं विश्वविद्यालय को मिल गई हैं। वितरण के लिए वे महाविद्यालयों में भेजी जा रही हैं।

महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय परिसर में तीसरे चरण के लिए मंजूर निर्माण कार्य शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत एकेडमिक कॉलेज, लाइब्रेरी और चारदीवारी के काम होंगे। राज्य सरकार की सहभागिता योजना के तहत होने वाले इन निर्माण कार्यों पर 4 करोड़ 66 लाख रूपए खर्च होंगे। निर्माण के लिए कुल स्वीकृत राशि में से आधा हिस्सा विश्वविद्यालय का है। शेष राशि का बंदोबस्त नगर विकास न्यास के स्तर पर होना है। विश्वविद्यालय ने अपनी हिस्सा राशि अक्टूबर 09 में ही न्यास को जमा करवा दी थी।
इसके बाद हाल में न्यास ने तीसरे चरण के निर्माण के लिए सवा करोड़ रूपए जारी कर दिए। इसके साथ ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। कुलपति डॉ. जी. आर. जाखड़ ने बताया कि तीसरे चरण का निर्माण कार्य पूरा होने से विश्वविद्यालय का स्वरूप और भव्य हो जाएगा। एकेडमिक कॉलेज बनने से शैक्षणिक विभाग खोले जा सकेंगे।


माध्यमिक शिक्षा पर खर्च होंगे पैंसठ अरब
माध्यमिक शिक्षा की बजट निर्णायक समिति की बैठक में दो साल के लिए बजट के सम्बन्ध में प्राथमिक निर्णय किया गया है। दो साल का बजट 65 अरब का होगा। इसके अनुसार चालू वर्ष में गैर योजना मद में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन पर राज्य सरकार 31 अरब रूपए खर्च करेगी।
इसमें वेतन के अलावा यात्रा भत्ता, मेडिकल भत्ता और कार्यालय खर्च भी शामिल हैं। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष के लिए भी बजट पर राज्य सरकार ने सहमति व्यक्त कर दी है। इसका आकार करीब 34 अरब रूपए का होगा। बीएफसी में आए प्रस्तावों पर राज्य सरकार की सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अब इस बजट पर मंत्रिमण्डल की मुहर लगने का इंतजार है।

समिति की बैठक के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने योजना मद की बीएफसी की तैयारी शुरू कर दी है। इसमें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, बालिका साइकिल योजना, ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम और इंटीग्रेटेड कम्प्यूटर ट्रेनिंग जैसी योजनाओं के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इनमें से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में राज्य के हिस्से का निर्धारण किया जाएगा। योजना मद की बीएफसी दिसम्बर माह में होने की संभावना है।
(उक्त दोनों खबरें राजस्थान पत्रिका,अजमेर,18.11.2010 से)

भर्ती के विरोध में जनजाति वर्ग करेगा आंदोलन
सुखाडिया विश्वविद्यालय में होने वाली भर्ती में कथित रूप से आरक्षण नियमों की पालना नहीं करने के खिलाफ एक बार फिर संभाग के जनजाति वर्ग ने आन्दोलन की तैयारी कर ली है। 22 नवंबर को संभागभर के अभ्यर्थी व छात्र सुविवि प्रशासनिक भवन पर प्रर्दशन करेंगे। इससे पहले भी भर्तियों में आरक्षण की पालना नहीं होने पर जनजाति वर्ग का लगभग एक माह तक आन्दोलन चला था और मजबूरन भर्तियां रद्द करनी पडी थीं।

दरअसल पहले निकाले गए विज्ञापनों में जनजाति सहित सभी आरक्षित वगोंü के ज्यादा पद थे लेकिन अब विभागवार रोस्टर प्रणाली लागू करने से आरक्षित वर्गोü के पद कम हो गए। इसी को लेकर जनजाति वर्ग का विरोध है कि पहले बैकलॉग भरा जाए और उसके बाद ही भर्ती की जाए। जनजाति बहुल क्षेत्र होने के बावजूद विश्वविद्यालय में अब तक किसी भी शैक्षणिक पद पर एसटी वर्ग का कोई सदस्य नहीं है। इसी कारण छात्रों के साथ इस वर्ग के अन्य संगठनों ने भी आन्दोलन को समर्थन दिया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने विरोध की आशंका के चलते इस बार पहले से ही असिस्टेंट, एसोसिएट व प्रोफेसर के पदों के लिए अलग-अलग विज्ञापन दिए हैं। विश्वविद्यालय में सबसे ज्यादा विरोध असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती को लेकर है और यदि मामला न्यायालय में भी चला जाता है तो केवल इन्हीं पदों पर ही स्टे की कार्रवाई होगी और अन्य पदों की यथावत भर्ती चलती रहेगी। इस बारे में जनजाति वर्ग के छात्रों का कहना है विश्वविद्यालय की चाल कामयाब नहीं होने दी जाएगी और जब तक नियमानुसार आरक्षण लागू नहीं होता है,किसी भी पद पर भर्ती नहीं होने देंगे।

राज्य सरकार ने रोस्टर प्रणाली से नियमानुसार आरक्षण लागू कर ही भर्तियां निकाली हैं। पहले की भर्तियों में गलतियां हुई होंगी, इसलिए उन्हें रद्द किया गया-मोहनलाल शर्मा, रजिस्ट्रार, सुविवि

आरक्षित वगों के साथ अन्याय हो रहा है। प्रशासन ने जिस तरह से रोस्टर लागू किया है, उससे आगामी पचास वर्षों में भी जनजाति वर्ग का सदस्य प्रोफेसर नहीं बन पाएगा। जनजाति वर्ग आन्दोलन के साथ न्यायालय की भी शरण लेगा। अन्य संगठनों का भी समर्थन है-रूपसिंह व राजेन्द्र मीणा, नेता, राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति छात्र संगठन(राजस्थान पत्रिका,उदयपुर,18.11.2010)

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