पंढरीनाथ पुलिस ने नकली मार्कशीट बनाने वाले एक साइबर कैफे संचालक को गुरुवार को गिरफ्तार कर डेढ़ दर्जन से ज्यादा जाली मार्कशीट जब्त की। उसके पास से स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र हार्डिया का साइन किया खाली लेटर हेड भी मिला है।
पंढरीनाथ टीआई बृजेश कुशवाह ने बताया बुधवार रात आड़ा बाजार में सीडी की दुकान चलाने वाले अनिल पिता परमानंद गंगवानी ने उन्हें आकर मामले की शिकायत की। उन्होंने बताया सपना-संगीता स्थित मिशिका टॉवर में फास्ट कम्प्यूटर साइबर कैफे चलाने वाले अनिल पिता हरीश उर्फ हरिराम सुखियानी निवासी प्रतापनगर ने उसे बीकॉम की फर्जी मार्कशीट दी है।
श्री गंगवानी को पता चला था कि सुखियानी बीकॉम में पास करवा सकता है। उन्होंने दो महीने पहले उससे संपर्क कर दस हजार में पास करवाने की बात की थी। 900 रुपए एडवांस लिए लेकिन न परीक्षा की बात की न ही फॉर्म भरवाया।
पिछले दिनों 1100 रु. और ले लिए। बुधवार रात अचानक सुखियानी श्री गंगवानी की शॉप पर पहुंचा और उन्हें बीकॉम फाइनल की डीएवीवी की मार्कशीट लाकर दे दी।
देखने में असली जैसी थी
श्री गंगवानी को शक हुआ तो उन्होंने टीआई बृजेश कुशवाह से संपर्क किया। जांच में मार्कशीट असली लगी। उस पर रोल नंबर,सीरियल नंबर के अलावा वह सब था जो असली मार्कशीट पर होता है। इस पर टीआई ने गुरुवार दोपहर करीब 12 बजे एसआई श्री पंद्रे, अंशुल तिवारी,बृजेंद्र और महेंद्र के साथ साइबर कैफे पर दबिश डालकर सुखियानी को हिरासत में लिया।
पूछताछ में उसने कबूला कि मार्कशीट नकली है, जिसे उसने असली मार्कशीट स्कैन कर नाम बदलकर कलर प्रिंटआउट निकालकर दे दिया था। यह मार्कशीट मार्च 2008 की तारीख की थी।
कम्प्यूटर का डाटा देख होश उड़ गए
पुलिस ने उसकी शॉप से कम्प्यूटर के साथ स्कैनर और हाईस्कूल तथा यूनिवर्सिटी की मार्कशीट जब्त की। थाने लाकर कम्प्यूटर की जांच की गई तो पुलिस के होश उड़ गए। उसमें स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र हार्डिया, डॉ. प्रदीप सालगिया, बॉम्बे हॉस्पिटल के डॉ.राजेश भराणी,डॉ.श्याम बिहारी बंसल व अन्य के लेटर हेड और नगर निगम के कई प्रमाणपत्र व लाइसेंस का प्रोफार्मा मिला। इससे वह कलर प्रिंट आउट निकालकर जाली दस्तावेज दे देता था। इसके बदले में मनचाहे रुपए ऐंठ लेता था।
फर्जी मार्कशीट से दिलाई नौकरी
प्राथमिक जांच में पता चला हरिराम खुद को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताता है। नकली मार्कशीट के आधार पर उसने कई लोगों को निजी कंपनियों में नौकरी दिलवाई है। पुलिस को ऐसे पंद्रह लोगों की जानकारी मिली है, उनकी तलाश जारी है। उसके पास मिले दस्तावेज पुलिस ने जांच के चलते गोपनीय रखे हैं।
मैंने तो लोगों को आत्महत्या करने से बचाया
भास्कर ने सुखियानी से बात की तो उसने कहा मुझे फंसाया गया है। फिर कहने लगा मैंने ऐसे लोगों को मार्कशीट देकर नौकरियां दिलवाईं जो बेरोजगारी के चलते आत्महत्या करने वाले थे। डॉक्टरों के लेटर हेड को लेकर उसने कहा डॉक्टर्स ने उसे खुद लेटर हेड स्कैन कराकर दिए थे,जिससे वह मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव्स को दे सकें।
मैं उसे नहीं जानता’
भास्कर ने स्वास्थ्य मंत्री महेंद्र हार्डिया से उनके लेटरहेड को लेकर बात की तो उन्होंने कहा मैं तो सुखियानी और उसके साइबर कैफे को जानता तक नहीं। उसने जरूर नकली साइन बनाए होंगे।
सिक्किम की यूनिवर्सिटी का कार्ड भी मिला
सुखियानी के कम्प्यूटर में सिक्किम की मनिपाल यूनिवर्सिटी का आईडी कार्ड भी मिला जिसे स्कैन कर दूसरी छात्रा को दिया गया था। उसने चेक भी स्कैन कर उनके कलर प्रिंट निकाले थे। साथ में मेडिकल सर्टिफिकेट, पहावा किडनी केयर के डॉ.नरेश पहावा,जबलपुर किडनी केयर के डॉ.अनिल जैन,किडनी एवं डायबिटीज क्लिनिक के डॉ.श्याम बिहारी बंसल,एलआईसी की रसीद,पॉलिसी,खाद्य विभाग के लाइसेंस का प्रोफार्मा,जन्म प्रमाणपत्र,सीएच इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस के लेटर हेड,अक्षांशु एकेडमी पब्लिक स्कूल की नौवीं की मार्कशीट,इंस्टिट्यूट ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (मुंबई) के सर्टिफिकेट का प्रोफार्मा व अन्य दस्तावेज मिले।
उधर,पंढरीनाथ पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए फर्जी मार्कशीट कांड में शुक्रवार को एजेंट का नाम भी सामने आ गया। उसके नीमच में होने की सूचना पर एक दल वहां भेजने की तैयारी की जा रही है। इधर, पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों की तलाश में भी छापे मारे लेकिन सफलता नहीं मिली।
टीआई ब्रजेश कुशवाह की टीम ने गुरुवार को सपना-संगीता रोड पर फास्ट कम्प्यूटर साइबर कैफे के मालिक अनिल सुखियानी को गिरफ्तार किया था। वह दो दिन की रिमांड पर है। पूछताछ में पता चला है कि उसने ऑटो मोबाइल शोरूम में काम करने वाले शुक्ला नामक व्यक्ति के लिए 8 मार्कशीट बनाई। वही लोगों को लाता था। पुलिस ने शोरूम पर पड़ताल की तो पता चला शुक्ला सालभर पहले नौकरी छोड़ चुका है। फिलहाल वह नीमच में रह रहा है।
पते गलत या अस्पष्ट
टीआई ने बताया अनिल से मिले जखीरे में फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों के नाम भी मिले। इनमें से कुछ पालदा के होस्टल में रहते थे। पुलिस वहां गई तो पता चला छह माह पहले होस्टल बंद हो गया। अब वहां एक कंपनी का गोदाम है। पुलिस को 15 लोगों के नाम मिले हैं लेकिन ज्यादातर के पते गलत या अस्पष्ट हैं।
(दैनिक भास्कर,इन्दौर,20.11.2010)।
उधर,पंढरीनाथ पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए फर्जी मार्कशीट कांड में शुक्रवार को एजेंट का नाम भी सामने आ गया। उसके नीमच में होने की सूचना पर एक दल वहां भेजने की तैयारी की जा रही है। इधर, पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों की तलाश में भी छापे मारे लेकिन सफलता नहीं मिली।
टीआई ब्रजेश कुशवाह की टीम ने गुरुवार को सपना-संगीता रोड पर फास्ट कम्प्यूटर साइबर कैफे के मालिक अनिल सुखियानी को गिरफ्तार किया था। वह दो दिन की रिमांड पर है। पूछताछ में पता चला है कि उसने ऑटो मोबाइल शोरूम में काम करने वाले शुक्ला नामक व्यक्ति के लिए 8 मार्कशीट बनाई। वही लोगों को लाता था। पुलिस ने शोरूम पर पड़ताल की तो पता चला शुक्ला सालभर पहले नौकरी छोड़ चुका है। फिलहाल वह नीमच में रह रहा है।
पते गलत या अस्पष्ट
टीआई ने बताया अनिल से मिले जखीरे में फर्जी मार्कशीट बनवाने वालों के नाम भी मिले। इनमें से कुछ पालदा के होस्टल में रहते थे। पुलिस वहां गई तो पता चला छह माह पहले होस्टल बंद हो गया। अब वहां एक कंपनी का गोदाम है। पुलिस को 15 लोगों के नाम मिले हैं लेकिन ज्यादातर के पते गलत या अस्पष्ट हैं।
(दैनिक भास्कर,इन्दौर,20.11.2010)।
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