आखिरकार मान गए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के उच्च माध्यमिक प्रभाग के हड़ताली कर्मचारी। समझौते के बाद हड़ताल को खत्म किया गया लेकिन उन लाखों मेधावी विद्यार्थियों के काम बिगाड़ने की कौन जिम्मेवारी लेगा, जिनके पंजीकरण से लेकर परीक्षा समेत अन्य तमाम अतिआवश्यक काम में विलंब हुआ? कोई मूल प्रमाण पत्र के लिए दौड़ रहा है तो कोई नाम व अंक में संशोधन के लिए। फरवरी और मार्च में इंटर एवं मैट्रिक की परीक्षा होनी है, लेकिन अबतक परीक्षार्थियों का न पंजीकरण हुआ है और न ही परीक्षा का कोई इंतजाम। परीक्षा समिति के अध्यक्ष प्रो. एकेपी यादव ने रविवार को बताया कि उच्च माध्यमिक प्रभाग के तमाम कर्मचारी सोमवार को काम पर लौट आयेंगे, लेकिन छठ पर्व के बाद ही पंजीकरण समेत परीक्षा की सारी तैयारियों पर काम शुरू हो पाएगा क्योंकि छठ की वजह से अवकाश रहेगा। उन्होंने स्वीकार किया कि कर्मचारियों की हड़ताल के चलते परीक्षा की तैयारी में देरी हुई है, किंतु शेष बचे समय में हमें कर्मचारियों के सहयोग से परीक्षा की तैयारियों को लेकर तेजी से काम करना होगा। इधर, उच्च माध्यमिक प्रभाग में महीने भर चली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से नवम्बर माह में इंटर परीक्षा के अभ्यर्थियों का पंजीकरण कार्य सम्पन्न कराने चुनौती है। इसके लिए इंटर स्तरीय विद्यालयों के प्राचार्यो में बेचैनी व्याप्त है। कई प्राचार्यो ने बताया कि परीक्षा संबंधी तैयारियों को लेकर उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा संबंधी दोहरी तैयारियों से जूझना होगा। वैसे भी आये दिन विद्यार्थी और उनके अभिभावक पंजीकरण और परीक्षा संबंधी सूचना मांग रहे हैं। उनके सामने अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गयी है क्योंकि पंजीकरण फार्म और परीक्षा संबंधी कोई दिशा-निर्देश अबतक नहीं आया है(दैनिकजागरण,पटना,8.11.2010)।
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