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08 नवंबर 2010

उत्तराखंडःनौकरियों के द्वार खुले

मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा है कि राज्य में पहली बार 22 हजार नौकरियों के द्वार खोले गए हैं। राज्य के युवाओं को अधिक अवसर देने के लिए समूह ग के पदों को आयोग की परिधि से बाहर किया गया है। सीधी भर्ती के लिए सेवायोजन कार्यालय में पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। सरकारी प्रवक्ता द्वारा जारी मुख्यमंत्री के एक बयान में कहा गया कि 22 हजार पदों में 12 हजार समूह ग, चार हजार शिक्षक तथा चार हजार पुलिस कर्मियों के पद शामिल हैं। उन्होंने कहा कि 9.5 प्रतिशत की विकास दर के साथ उत्तराखंड भारत का तीसरा सबसे तेजी से विकसित राज्य बन गया है। विकास की इस गति के साथ स्थानीय युवाओं को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर पलायन को रोका जा सकता है। इस दिशा में सरकारी तथा गैर-सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में प्रयास किए जा रहे हैं। दूसरी ओर आशीर्वाद योजना, आईटी, उद्योग एवं अन्य उद्योगों के माध्यम से रोजगार सृजन किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने समूह ग की भर्ती के लिए सभी विभागों को अधियाचन भेजने के निर्देश दिए हैं। जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया न होने की वजह से आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी जा रही है। मुख्यमंत्री के अनुसार भर्ती की जिम्मेदारी प्राविधिक शिक्षा परीक्षा परिषद रुड़की को दी गई है। पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया के लिए साक्षात्कार की व्यवस्था को समाप्त किया जा रहा है। अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा की आंसर शीट की छाया प्रति ले जाने की छूट दी जा रही है। परीक्षा परिणाम वेब साइट पर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों के सहयोग से रोजगार सृजन के लिए आशीर्वाद योजना शुरू की गई है। इसमें कई उद्योग समूह सहयोग कर रहे हैं। युवाओं को प्रशिक्षण एवं सेवायोजन करने में उनका सहयोग मिल रहा है। इसके तहत 14 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। छह माह में छह सौ युवाओं को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया गया है(दैनिक जागरण,देहरादून,8.11.2010)।

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