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04 नवंबर 2010

भोजपुरी को दिल्ली के स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

भोजपुरी को पूर्ण सम्मान का दर्जा दिलाने वाले भोजपुरी परिवार ने बीते 2 नवम्बर को दिल्ली में विश्व भोजपुरी दिवस मनाया। इस मौके पर कई अहम प्रस्ताव पास किए गए। दिल्ली सरकार से मांग की गई कि दिल्ली में रहने वाले 30-35 लाख भोजुपरी लोगों की भावनाओं को देखते हुए दिल्ली के स्कूलों के पाठ्यक्रम में भोजपुरी को भाषा के रूप में शामिल किया जाए।
भोजपुरी समाज के अध्यक्ष अजीत दूबे ने भोजपुरी सांसदों से आग्रह किया कि वे नौ नवंबर से शुरू होने वाले आगामी सत्र में भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव पास कराने का पूर्ण प्रयास करें। तभी 18 से 20 करोड़ लोगों की भाषा भोजपुरी को उचित सम्मान मिलेगा। दूबे के मुताबिक, भोजपुरी परिवार ने देश विदेश की भोजपुरी भाषा से जुड़ी संस्थाओं से आग्रह किया कि वह आपसी तालमेल बढ़ाएं और समाज देश के विकास में सक्रिय भूमिका अदा करें।
बता दें कि दो नवंबर 1834 को पहले गिरमिटिया मजदूर ने मारीशस की धरती पर कदम रखा था, उसी के साथ भोजपुरी भाषा के कदम विदेश की धरती पर पड़े थे। तभी से इस तारीख को विश्व भोजपुरी दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर उपाध्यक्ष प्रभुनाथ पांडेय, कुलदीप कुमार, राकेश परमार, गरीब दास, महेन्द्र राय, एलएस प्रसाद, एपी सिंह, लल्लन तिवारी, विनय मणि त्रिपाठी, रामनाथ राय, अजय चौबे, प्रदीप पांडेय, प्रहलाद सिंह, जितेन्द्र तिवारी, डॉ. बख्तियार महावीर सिंह, संतोष ओझा, व्यास नारायण आदि मौजूद रहे(दैनिक जागरण,दिल्ली,3.11.2010)।

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