पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू) ने छात्रों के बीच बढ़ती रंजिश और मारपीट रोकने का नया रास्ता ढूंढ निकाला है। विवि प्रशासन ने फरमान जारी किया है कि यदि परिसर में कोई भी छात्र पिस्टल, रिवाल्वर, तलवार या चाकू के साथ पकड़ा गया तो उसे दो लाख का जुर्माना भरना पड़ेगा। डंडा, बेस बैट या हॉकी के साथ पकड़े गए छात्र पर जुर्माने की राशि एक लाख रुपये होगी। विवि प्रशासन ने हाईकोर्ट के पूर्व जज एसके जैन की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर यह कदम उठाया है। कुलपति प्रो. आरसी सोबती की ओर से जारी यह आदेश विवि के विधि संकाय समेत चुनिंदा विभागों को भेजा गया है। सोबती ने पंजाब विवि छात्रसंघ के दो गुटों में हिंसात्मक टकराव के बाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज एसके जैन को मामले की जांच करने तथा परिसर में शांति कायम करने के तरीके सुझाने को कहा था। जैन ने सिस्टम की ओवरहालिंग की वकालत करने के साथ ही विवि प्रशासन को सुझाव दिया है कि छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा के साथ ही परिसर में शांति कायम करने का पाठ पढ़ाया जाए। उन्हें गैर कानूनी कामों से दूर रहने के प्रति जागरूक किया जाये। उन्हें एहसास कराया जाए कि वे खुद को आईपीसी की धाराओं में न उलझायें, जिससे उनका भविष्य चौपट हो जाए। उन्होंने कहा है कि पीयू में पढ़ रहे विद्यार्थी अपराधी नहीं हैं। इसलिए विवि परिसर में पुलिस का कोई काम नहीं। पुलिस का मामले हल करने का अपना अंदाज होता है। वहीं, विवि प्रशासन ने मारपीट और झगड़े के कारण हाल ही में निलंबित चार छात्रों की सजा खत्म कर दी। साथ ही उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी(साजन शर्मा,दैनिक जागरण,चंडीगढ़,21.11.2010)।
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