संविदा और शिक्षा गारंटी गुरुजी से शिक्षा कर्मी का दर्जा पाने वाले शिक्षक भी बड़े गुरुजी बन सकेंगे। शिक्षा संचालनालय ने उन्हें बड़े गुरुजी के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल करने का निर्णय लेकर उनके प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है। शिक्षा विभाग के इस फैसले से राज्य के 16 हजार संविदा व शिक्षा गारंटी गुरुजी के नियमितीकरण का रास्ता खुल गया है।
शिक्षा संचालनालय ने संविदा व शिक्षा गारंटी गुरुजी के लिए सात साल के अनुभव की शर्त रखी है। यानी बड़े गुरुजी बनने के लिए आयोजित परीक्षा में वही शिक्षाकर्मी शामिल हो सकेंगे, जिन्हें संविदा शिक्षक व शिक्षा गारंटी से शिक्षाकर्मी का दर्जा पाकर सात साल हो चुके हैं।
शालेय शिक्षाकर्मी संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे और संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के अध्यक्ष केदार जैन ने बताया कि संविदा शिक्षाकर्मी को 2002 व शिक्षा गारंटी गुरुजी सितंबर 2003 में शिक्षाकर्मी का दर्जा पा चुके हैं।
ऐसी दशा में सभी को परीक्षा देने की पात्रता है। बिलासपुर, रायगढ़ और शैक्षणिक जिला बलौदाबाजार में परीक्षा आयोजित की जा चुकी है। बिलासपुर व रायगढ़ में संविदा व शिक्षा गारंटी गुरुजी को परीक्षा में शामिल होने नहीं दिया गया।
बलौदाबाजार में संविदा व शिक्षा गारंटी से शिक्षाकर्मी का दर्जा पाने वाले शिक्षाकर्मियों को परीक्षा में शामिल तो होने दिया गया, लेकिन उनकी सूची अलग बनाकर उन्हें बड़े गुरुजी नहीं बनाया गया।
तीन जिलों में परीक्षा प्रभावित होगी
शासन के इस फैसले के बाद तीनों जिलों की परीक्षा प्रभावित होगी। बिलासपुर व रायगढ़ जिले में परीक्षा निरस्त करनी होगी। बलौदाबाजार में नए सिरे से पोस्टिंग करनी होगी।
यदि ऐसा नहीं किया गया तो 25 नवंबर को राजधानी में रैली निकालकर शिक्षा संचालनालय का घेराव किया जाएगा। संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले शिक्षाकर्मियों ने शुक्रवार को राज्य भर में जिला स्तर पर एक दिवसीय धरना देकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
उच्च न्यायालय में 200 से ज्यादा केस
शिक्षाकर्मी बरसों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। शासन ने बड़े गुरुजी बनाकर इसका रास्ता खोला लेकिन अब इसे लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। बड़े गुरुजी बनाने के लिए आयोजित की जा रही परीक्षा में विभिन्न त्रुटियां निकालकर शिक्षाकर्मियों ने 200 से ज्यादा केस हाईकोर्ट में दायर किए हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,20.11.2010)।
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