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15 नवंबर 2010

छत्तीसगढ़ःसहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए बनेगा अलग बोर्ड

सरकारी कालेजों में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती के लिए अब उच्च शिक्षा विभाग अलग से भर्ती बोर्ड बनाने की तैयारी में है। इसकी तैयारी शुरू भी हो चुकी है। वर्तमान में सहायक प्राध्यापकों की भर्ती लोक सेवा आयोग (पीएससी) के जरिए होती है, लेकिन पीएससी के पास इन पदों को भरने के लिए भेजने से अनावश्यक समय लगता है। इस वजह से अब उच्च शिक्षा विभाग भर्ती का अधिकार स्वयं लेना चाहता है।

प्रदेशभर में 165 सरकारी कॉलेज हैं। इनमें सहायक प्राध्यापकों के 2563 पद हैं। इनमें से 1313 खाली पड़े हैं। कई कॉलेज ऐसे हैं, जहां अभी तक सेटअप स्वीकृत नहीं हुआ है। इसे मिला दें तो इनकी संख्या और अधिक हो जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने वर्ष 2007 में सहायक प्राध्यापकों के 828 पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन अब तक प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भर्ती के लिए अलग से बोर्ड बनाने को लेकर मंत्रालय में उच्च अधिकारियों की एक बैठक भी हो चुकी है।

इसके लिए सहायक प्राध्यापक सेवा भर्ती नियम बनाया जा रहा है। विभाग इस तरह तैयारी कर रहा है, जिससे अगले शैक्षणिक सत्र तक सहायक प्राध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके। बोर्ड गठन की प्रक्रिया दो महीने में पूरी करने की योजना है।

संविदा भर्ती से मिला आइडिया
सरकारी कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों की संविदा भर्ती पिछले तीन सालों से चल रही है। संविदा पर लगभग 600 सहायक प्राध्यापकों को हर साल रिवाइज किया जा रहा है। इस साल उच्च शिक्षा विभाग ने संविदा भर्ती के लिए लगभग 800 पद निकाले थे।

कॉलेजवार पदों के लिए विज्ञापन जारी किए गए। इसमें अच्छी सफलता मिली, लेकिन हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के कारण मामला अटक गया। विभाग ने इसी के अनुरूप स्थाई भर्ती के लिए बोर्ड बनाने की योजना बनाई है।

बोझ से दबा है पीएससी
छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग सभी विभागों के प्रमुख पदों में भर्ती करता है, लेकिन विवादों के कारण व हमेशा प्रश्नचिह्न् उठाए जाते हैं। पीएससी के पास अधिक काम होने के कारण कई विभाग अब स्वयं भर्ती करने जा रहे हैं।

खाद्य एवं औषधीय नियंत्रण विभाग ने ड्रग कंट्रोलर के 35 पदों को भरने के लिए पीएससी को चार साल पहले प्रस्ताव भेजा था। अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण विभाग ने खुद भर्ती विज्ञापन निकाला है। कृषि विभाग ने भी डीडीए की भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा है।इसके अलावा कई विभागों में भर्ती पीएससी की लेट-लतीफी के कारण अटकी हुई है।

"कॉलेजों में सहायक प्राध्यापकों के पद रिक्त हैं। उन्हें भरने के लिए पीएससी को दिया गया है। पीएससी अभी साक्षात्कार कर रहा है। और पदों को भरने के लिए बोर्ड बनाने पर विचार किया जा रहा है"-एमके राउत, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग(गोविंद पटेल,दैनिक भास्कर,रायपुर,15.11.2010)

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