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17 नवंबर 2010

जमनालाल बजाज संस्थान,मुंबई से मैनेजमेंटःप्रैक्टिकल टीचिंग पर है जोर

जमनालाल बजाज संस्थान, मुंबई का मानना है कि मैनेजमेंट की पढ़ाई मात्र किताबें पढ़ कर नहीं की जा सकती। इंडस्ट्री से जुड़े टीचर्स का अनुभव स्टूडेंट्स के ज्ञान को बढ़ाने के लिए जरूरी है। यह पूछने पर कि इस इंस्टीट्यूट में कैंपस क्यों नहीं है, जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (जेबीआईएमएस) की एसोसिएट प्रोफेसर कविता कहती हैं कि बिल्डिंग्स से संस्थान नहीं बनते।

दक्षिण मुंबई स्थित चार मंजिला जेबीआईएमएस की लोकेशन ईर्ष्या उत्पन्न करने वाली है। अन्य कॉलेज जहां शहर से बाहर की ओर देखने को मिलते हैं, वहीं हमारा बी-स्कूल मुंबई के वित्तीय जिले नरीमन प्वॉइंट जैसी प्राइम लोकेशन के नजदीक स्थित है।

जेबीआईएमएस की स्थापना 1965 में हुई, जिसे मुंबई यूनिवर्सिटी के प्रबंधन विभाग द्वारा स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के संयुक्त सहयोग से शुरू किया गया था। जेबीआईएमएम के निदेशक स्टीफन डीसिल्वा के अनुसार यहां स्टूडेंट्स विभिन्न संस्कृतियों और पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों से जुड़ते हैं, जो कि उनकी संपूर्ण सीखने की प्रक्रिया को मजबूत आधार प्रदान करता है।

इस बी-स्कूल में केवल पांच स्थायी फैकल्टी सदस्य हैं, पर इसकी विजिटिंग फैकल्टी विभिन्न सेक्टर में प्रतिष्ठित प्रोफेशनल्स और पूर्व छात्रों से मिल कर बनी है। टाटा फाइनेंशियल सर्विस के पूर्व सीईओ, जेबीआईएमएस के पूर्व छात्र और छात्रों को स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट पढ़ाने वाले एफ जे दाकुन्हा के अनुसार प्रबंधन को केवल पाठयपुस्तकों से नहीं पढ़ाया जा सकता। इसके लिए जरूरत होती है इंडस्ट्री से जुड़ी विजिटिंग फैकल्टी की, जो विषय की प्रैक्टिकल जानकारी छात्र-छात्रओं को प्रदान कर सके और छात्र उसे सैद्धांतिक ज्ञान के साथ जोड़ कर समझ सकें।

तीन हजार एल्युमनी छात्र-छात्रओं का मजबूत आधार कई तरह से काम करता है, फिर चाहे यह एल्युमनस-स्टूडेंट्स मेंटरशिप प्रोग्राम हो, गेस्ट लेक्चर हो या फिर कोई अन्य प्रोग्राम, जेबीआईएमएस के छात्रों की जिंदगी में एल्युमनाई की बड़ी भूमिका होती है। यूटीवी मोशन पिक्चर के सीईओ सिद्धार्थ रॉय कपूर कहते हैं, ‘जेबीआईएमएस में मेरा अनुभव थ्योरी और प्रैक्टिकल प्रशिक्षण दोनों का मेल था, पर मुझे विभिन्न पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले सहछात्रों से काफी कुछ सीखने को मिला।’

संस्थान में मास्टर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज के द्वितीय वर्ष के छात्र रोहन कहते हैं, सभी बातों के अलावा यहां छात्रों को सीनियर के साथ एक अच्छा माहौल मिलता है। यहां नए छात्रों के विभिन्न इंडक्शन सेशन की तैयारी द्वितीय वर्ष के छात्र करते हैं। प्रथम वर्ष में व्यस्तता अधिक होती है, इसलिए प्रत्येक जूनियर को सहायता और मार्गदर्शन के लिए एक सीनियर स्टूडेंट दिया जाता है। पिछले वर्ष एंटरप्रिन्योरशिप सेल की नई पहल के तौर पर एक इनक्यूबेशन सेंटर शुरू किया गया है। इसकी मदद से छात्रों को वेंचर कैपिटलिस्ट्स से अपने प्रोजेक्ट्स के लिए फंड हासिल करने में मदद मिलती है।

मुख्य कोर्स: मास्टर्स इन मैनेजमेंट स्टडीज
कोर्स फीस: 99, 225 रुपये
औसत वेतन (2010): 12.83 लाख रुपये वार्षिक
प्रसिद्ध पूर्व छात्र: कोटेक महिंद्रा बैंक के एक्जीक्युटिव वीसी और एमडी उदय कोटेक, आईसीआईसीआई बैंक के एमडी और सीईओ चंदा कोचर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के एमडी और सीईओ विनीता बाली, फिल्म निर्देशक मणिरत्नम।
मुख्य नियोक्ता: मैकिंजे एंड कंपनी, डिलॉएड इंडिया, पीएंडजी, सिटीबैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, ब्लूमबर्ग।
(हिंदुस्तान,दिल्ल,16.11.2010)

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