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29 नवंबर 2010

मध्यप्रदेशःमूल्य सूचकांक से तय होगा वजीफा

प्रदेश के आदिवासी अंचलों में छात्रावास एवं शालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पौष्टिक खाना मिल सके और उनका बौद्धिक विकास उचित ढंग से हो सके इसके लिये राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिष्यवृत्तिकी दरों को उपभोक्ता मूल्य सूचकाक के साथ जोड़ा है।

इस निर्णय से अब शिष्यवृत्तिकी दर को प्रतिवर्ष सूचकाक की दर के अनुसार मार्च माह में निर्धारित किया जायेगा और बढ़ी हुई शिष्यवृत्तिका लाभ विद्यार्थियों को नये शिक्षण सत्र एक जुलाई से दिया जायेगा। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा लिये गये निर्णय से इस वर्ष एक नवम्बर, 2010 से शिष्यवृत्तिकी दरों में 175 रुपये की वृद्धि की गई है। शिष्यवृत्तिकी दर बढ़ने से प्रतिमाह आश्रमशालाओं एवं छात्रावासों में पढ़ने वाली लड़कियों को 700 रुपये और लड़कों को 675 रुपये की दर से शिष्यवृत्तिदी जा रही है। बढ़ी हुई शिष्यवृत्तिका लाभ अनुसूचित जनजाति के 1282 छात्रावासों एवं 950 आश्रमशालाओं में पढ़ने वाले एक लाख 10 हजार से अधिक विद्यार्थियों को मिल रहा है।


प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों में शैक्षणिक सुविधा के विस्तार के लिये पिछले पाच वषरें में आदिवासी क्षेत्रों में 689 छात्रावास एवं आश्रम स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 464 भवनों का निर्माणपूरा कर लिया गया है। छात्रावासों एवं आश्रमशालाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास एवं मूल्याकन के लिये प्रतिवर्ष एक नवम्बर को छात्रावास दिवस मनाये जाने का भी निर्णय लिया गया है। इस दिन स्थानीय जन-प्रतिधियों के साथ-साथ अध्ययनरतच्बच्चों के परिजनों को बुलाकर छात्रावास विकास की आगामी योजना तैयार की जाती है और पिछले वर्ष की गतिविधियों की विस्तार से चर्चा की जाती है।

आश्रमशालाओं एवं छात्रावासों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दी जाने वाली पाठ्य सामग्री के साथ गणवेश की क्वालिटी पर भी विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया गया है(दैनिक जागरण,भोपाल,29.11.2010)।

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